Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Basant Panchami 2024: इन कारणों से विद्यार्थियों के लिए बेहद खास है बसंत पंचमी का पर्व ? जानिए इसका इतिहास

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Thu, 08 Feb 2024 12:54 PM (IST)

    बसंत पंचमी का पर्व माघ महीने में पड़ने वाले शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है। इस साल बसंत पंचमी का पर्व ( Basant Panchami 2024)14 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन माता सरस्वती की पूजा का विधान है जो भक्त इस अवसर पर भक्तिभाव के साथ मां की विशेष पूजा करते हैं उनके जीवन का अंधकार समाप्त हो जाता है।

    Hero Image
    Significance Of Basant Panchami 2024: विद्यार्थियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है बसंत पंचमी का पर्व ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Significance Of Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी का पर्व बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है। मुख्य रूप से यह भारत के पूर्वी हिस्सों में, विशेषकर पश्चिम बंगाल और बिहार में, सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। वहीं उत्तर भारत में यह पतंगों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक भी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिंदू पंचांग के अनुसार, यह माघ मास के पांचवें दिन पड़ता है। इस दिन को लेकर कई सारी मान्यता है। तो आइए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं -

    बसंत पंचमी पर्व का इतिहास

    बसंत पंचमी का पर्व क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे का एक दिलचस्प इतिहास है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता सरस्वती जिन्हें विद्या, संगीत और कला की देवी कहा जाता है उनका अवतरण इसी दिन हुआ था और यही कारण है कि भक्त इस शुभ दिन पर ज्ञान प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा करते हैं। साथ ही इसे सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है।

    यह भी पढ़ें: Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को लगाएं इन 3 चीजों का भोग, मिलेगा ज्ञान और विद्या का आशीर्वाद

    विद्यार्थियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है बसंत पंचमी का पर्व ?

    बसंत पंचमी का पर्व स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थानों में भी मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक इस अवसर पर माता सरस्वती की पूजा सच्ची भक्ति के साथ करते हैं उन्हें मां बुद्धि, विद्या और ज्ञान प्रदान करती हैं, क्योंकि वे ज्ञान की स्वामिनी हैं।

    इस पर्व पर छात्र और शिक्षक नए कपड़े पहनते हैं और ज्ञान की देवी की विशेष पूजा करते हैं। साथ ही देवी को प्रसन्न करने के लिए गीत और नृत्य आदि का आयोजन करते हैं।

    मां सरस्वती स्तुति

    सरस्वतीं शारदां च कौमारी ब्रह्मचारिणीम्। वागीश्वरीं बुद्धिदात्री भारतीं भुवनेश्वरीम्।।

    चंद्रघंटां मरालस्थां जगन्मातरमुत्तमाम्। वरदायिनी सदा वन्दे चतुर्वर्गफलप्रदमाम्।।

    द्वादशैतानि नामानि सततं ध्यानसंयुतः।

    यः पठेत् तस्य जिह्वाग्रे नूनं वसति शारदा।।

    यह भी पढ़ें: Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी पर करें इन मंत्रों का जाप, ज्ञान का आशीर्वाद देंगी मां सरस्वती

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'