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Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी पर मां सरस्वती के आशीर्वाद के लिए जरूर याद रखें यह विशेष नियम

Basant Panchami 2023 हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर ज्ञान विद्या एवं कला की देवी माता सरस्वती की उपासना की जाती। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर माता सरस्वती की उपासना करने से ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Mon, 23 Jan 2023 03:28 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2023 03:28 PM (IST)
Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी पर मां सरस्वती के आशीर्वाद के लिए जरूर याद रखें यह विशेष नियम
Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी के दिन इन नियमों का पालन करने से मिलेगा माता सरस्वती का आशीर्वाद।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी पर्व पर विद्या, ज्ञान एवं कला की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर मां सरस्वती की पूजा करने से सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही इस विशेष दिन से शैक्षणिक कार्य अथवा कला के क्षेत्र से जुड़े किसी भी कार्य को शुरू करने से सर्वाधिक लाभ मिलता है। इस वर्ष बसंत पंचमी पर्व माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि अर्थात 26 जनवरी 2023 (Basant Panchami 2023 Date) के दिन मनाई जाएगी। इस विशेष दिन पर भक्तों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। साथ ही कुछ नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए, जिनका पालन करने से व्रत एवं पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं-

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बसंत पंचमी के दिन इन बातों का रखें ध्यान

  • शास्त्रों में बताया गया है कि बसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को भूलकर भी अपशब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन वाद-विवाद से भी दूर रहना चाहिए। इस विशेष दिन पर व्यक्ति को तामसिक भोजन व शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन करें और मन में गलत विचार उत्पन्न ना होने दें।

  • बसंत पंचमी के दिन इस बात का ध्यान रखें कि मां सरस्वती की पूजा के लिए पीला वस्त्र ही धारण करें। ऐसा इसलिए क्योंकि पीला रंग माता को बहुत प्रिय है। साथ ही मां सरस्वती की पूजा के साथ कलम, किताब व किसी वाद्य यंत्र की पूजा अवश्य करें और उनका निरादर भूलकर भी ना करें।

  • शास्त्रों में बताया गया है कि बसंत पंचमी के दिन पवित्र स्नान और तर्पण आदि का विशेष महत्व है। इसलिए इस विशेष दिन पर हो सके तो पितृ तर्पण अवश्य करें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है और उन्हें भगवान के चरणों में स्थान मिलता है।

  • बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के ध्यान मंत्र का जाप अवश्य करें। यह मंत्र है- या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।। या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता। सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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