Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bajrang Baan Ka Path: महाबली हनुमान की पूजा बदल देगी आपकी जिंदगी, शनिवार के दिन करें बजरंग बाण का पाठ

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Sat, 13 Jan 2024 08:31 AM (IST)

    Bajrang Baan Ka Path शनिवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा बेहद शुभ मानी गई है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन संकटमोचन की आराधना करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। साधक अगर भक्तिभाव के साथ रामभक्त हनुमान की अराधना करते हैं तो उनका जीवन सुखमय बीतता है। इसलिए प्रत्येक जातक को हनुमान पूजा अवश्य करनी चाहिए।

    Hero Image
    Bajrang Baan Ka Path: ।।बजरंग बाण का पाठ।।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Bajrang Baan Ka Path: महाबली हनुमान की पूजा शास्त्रों में बेहद शुभ मानी गई है। शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन संकटमोचन की आराधना करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। साधक अगर भक्तिभाव के साथ रामभक्त हनुमान की अराधना करते हैं, तो उनका जीवन सुखमय बीतता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके अलावा शनिवार के दिन अगर किसी भी हनुमान मंदिर जाकर कलयुग के जाग्रत देवता की पूजा की जाए और बजरंग बाण का पाठ किया जाए, तो वे हर मनोकामना पूरी करते हैं। तो आइए यहां पढ़ते हैं -

    ।।बजरंग बाण।।

    " दोहा "

    "निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।"

    तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥"

    "चौपाई"

    जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।।

    जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महासुख दीजै।।

    जैसे कूदि सिन्धु महि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।

    आगे जाई लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।।

    जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा।।

    बाग़ उजारि सिन्धु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा।।

    अक्षयकुमार को मारि संहारा। लूम लपेट लंक को जारा।।

    लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर में भई।।

    अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु उर अन्तर्यामी।।

    जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होय दुख हरहु निपाता।।

    जै गिरिधर जै जै सुखसागर। सुर समूह समरथ भटनागर।।

    ॐ हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहिंं मारु बज्र की कीले।।

    गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो।।

    ऊँकार हुंकार प्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो।।

    ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा। ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा।।

    सत्य होहु हरि शपथ पाय के। रामदूत धरु मारु जाय के।।

    जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा।।

    पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत हौं दास तुम्हारा।।

    वन उपवन, मग गिरिगृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।।

    पांय परों कर ज़ोरि मनावौं। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।

    जय अंजनिकुमार बलवन्ता। शंकरसुवन वीर हनुमन्ता।।

    बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक।।

    भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बेताल काल मारी मर।।

    इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की।।

    जनकसुता हरिदास कहावौ। ताकी शपथ विलम्ब न लावो।।

    जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा।।

    चरण शरण कर ज़ोरि मनावौ। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।

    उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई। पांय परों कर ज़ोरि मनाई।।

    ॐ चं चं चं चं चपत चलंता। ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता।।

    ऊँ हँ हँ हांक देत कपि चंचल। ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल।।

    अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो।।

    यह बजरंग बाण जेहि मारै। ताहि कहो फिर कौन उबारै।।

    पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की।।

    यह बजरंग बाण जो जापै। ताते भूत प्रेत सब काँपै।।

    धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहै कलेशा।।

    "दोहा"

    प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान। 

    तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान।। 

    यह भी पढ़ें: Shani Dev Puja: शनिवार के दिन इस स्तोत्र का करें पाठ, शुभ फल की होगी प्राप्ति 

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'