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    Baisakhi 2023: जानें, समृद्धि और खुशियों के पर्व बैसाखी से जुड़ी रोचक और महत्वपूर्ण बातें

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Fri, 14 Apr 2023 09:04 AM (IST)

    Baisakhi 2023 इतिहास के पन्नों को पलटने से पता चलता है कि सन 1875 में बैसाखी के दिन ही स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की थी। इसके लिए इस दिन का विशेष महत्व है। आर्य समाज के लोग भी बैसाखी के दिन उत्सव मनाते हैं।

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    Baisakhi 2023: जानें, समृद्धि और खुशियों के पर्व बैसाखी से जुड़ी रोचक और महत्वपूर्ण बातें

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Baisakhi 2023: आज खुशियों और समृद्धि का कृषि पर्व बैसाखी है। सिख समुदाय के लोग बैसाखी को नए साल के रूप में मनाते हैं। इस दिन लोग अनाज की विधिवत पूजा कर ईश्वर को धन्यवाद देते हैं। इसके पश्चात दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। साथ ही मिठाइयां बांटकर एक दूसरे का मुंह मीठा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि बैसाखी के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की है। अतः बैसाखी पर्व का विशेष महत्व है। आइए, खुशियों और समृद्धि के पर्व बैसाखी से जुड़ी रोचक और महत्वपूर्ण बातें जानते हैं-

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    -इतिहासकारों की मानें तो बैसाखी के दिन सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। 13 अप्रैल, 1699 को खालसा पंथ की स्थापना आनंदपुर साहिब की एक बैठक में गुरु गोविंद सिंह ने की थी।

    -इतिहास के पन्नों को पलटने से पता चलता है कि सन 1875 में बैसाखी के दिन ही स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की थी। इसके लिए यह दिन विशेष है। आर्य समाज के लोग भी बैसाखी के दिन उत्सव मनाते हैं।

    -बैसाखी के दिन असम में बिहू, बंगाल में पोइला बोइसाख, बिहार में सत्तूआन, तमिलनाडु में पुथांडु और केरल में विशु मनाया जाता है। इसके लिए बैसाखी के दिन देशभर में उत्साह और उमंग का माहौल रहता है। लोग हर्षोल्लास के साथ बैसाखी का पर्व मनाते हैं।

    -बैसाखी को 'धन्यवाद दिवस' भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि बैसाखी के दिन पंजाब और हरियाणा समेत देशभर के किसान ईश्वर से प्रार्थना कर उन्हें धन्यवाद देते हैं। साथ ही समस्त जगत के कल्याण हेतु प्रार्थना करते हैं।

    -बैसाखी के दिन ही जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। इतिहासकारों की मानें तो 13 अप्रैल, 1919 को बैसाखी के दिन जश्न मना रहे लोगों पर जनरल डायर ने गोलियां चलवा दी थी। इस हमले में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी।

    -धार्मिक मान्यता है कि बैसाखी के दिन मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं। गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप कट जाते हैं। आसान शब्दों में व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है। अतः बैसाखी का दिन बेहद शुभ है।

    सनातन धर्म में सौर वर्ष की शुरुआत सूर्यदेव के मेष राशि में प्रवेश करने से होती है। इस वर्ष बैसाखी के दिन सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। अतः बैसाखी के दिन मेष संक्रांति मनाई जाएगी।

    डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'