Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Baisakhi 2022: क्यों मनाते हैं बैसाखी पर्व? जानिए महत्व और मान्यताएं

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Thu, 14 Apr 2022 08:18 AM (IST)

    Baisakhi 2022 बैसाखी पर्व सिख धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस पर्व को खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। तो चलिए जानते हैं बैसाखी पर्व का महत्व मनाने का कारण और मनाने का तरीका।

    Hero Image
    Baisakhi 2022: 14 अप्रैल को देशभर में बैसाखी का पर्व मनाया जाएगा

    नई दिल्ली, Baisakhi 2022: देशभर में बैसाखी का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। वैसाखी को सिख समुदाय के लोग नए साल के रूप में मनाते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग नामों से जानते हैं। असम में इसे बिहू, केरल में पूरम विशु, बंगाल में नबा वर्ष जैसे नामों से जाना जाता है। सिख समुदाय के लोगों के लिए यह पर्व काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन वह अपने करीबियों, रिश्तेदारों के संग मिलकर खुशियां मनाते हैं। इस दिन विधिवत तरीके से अनाज की पूजा करने के साथ अच्छी फसल के लिए भगवान को शुक्रिया कहते हैं। इस साल ये त्योहार 14 अप्रैल को मनाया जा रहा है। जानिए बैसाखी का महत्व, कारण और मनाने का तरीका।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्यों मनाते हैं बैसाखी पर्व?

    इस पर्व की शुरुआत सिख पंथ के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह ने 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी। इसके साथ ही इस दिन से बैसाखी पर्व की शुरुआत भी हुई थी। सिख धर्म की स्थापना के साथ-साथ फसल पकने के रूप में ये पर्व मनाते हैं। दरअसल, इस माह रबी फसल पक कर तैयार हो जाती है और काटना शुरू कर देते हैं। इसी कारण किसान लोग अपनी खुशी त्योहार के रूप में मनाते हैं।

    बैसाखी पर्व का महत्व

    सिख धर्म के साथ-साथ हिंदू धर्म में भी बैसाखी पर्व का अधिक महत्व है। इस दिन स्नान-दान और पूजा पाठ करने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार, मुनि भागीरथ ने देवी गंगा को धरती में उतारने के लिए कठोर तपस्या की थी और आज के दिन ही उनकी तपस्या पूर्ण हुई थी। इसलिए आज के दिन गंगा स्नान के साथ गंगा जी की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा आज के दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं जिसके कारण इसे मेष संक्रांति कहा जाता है। इसका असर हर राशि के जातकों पर पड़ेगा।

    इस तरह मनाते हैं बैसाखी

    इस दिन सिख समुदाय के लोग सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करते हैं और गुरुद्वारे में जाकर माथा टेकते हैं। इस दिन गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ होने के साथ कीर्तन आदि होते हैं। पंजाबी लोग इस दिन मिलजुल कर भांगड़ा करते हैं।

    Pic Credit- Freepik

    डिसक्लेमर'

    इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

    comedy show banner
    comedy show banner