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    Bagalamukhi Jayanti 2024: 15 मई को मनाई जाएगी बगलामुखी जयंती, ऐसे करें आठवीं महाविद्या की देवी को प्रसन्न

    बगलामुखी जयंती (Bagalamukhi Jayanti 2024) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल बगलामुखी जयंती 15 मई को मनाई जाएगी। इस दिन लोग मां की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और उनके लिए कठिन व्रत का पालन करते हैं। बता दें मां बगलामुखी 10 महाविद्याओं में से एक आठवीं महाविद्या की देवी हैं तो चलिए इनकी पूजन विधि को जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 12 May 2024 02:30 PM (IST)
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    Bagalamukhi Jayanti 2024: मां बगलामुखी की पूजा विधि -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bagalamukhi Jayanti 2024: बगलामुखी जयंती बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मां बगलामुखी 10 महाविद्याओं में से एक आठवीं महाविद्या की देवी हैं। ऐसी मान्यता है, देवी की पूजा करने से शत्रुओं को नियंत्रित और परास्त करने की शक्ति मिलती है। वहीं, इस दिन लोग मां की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और उनके लिए कठिन व्रत का पालन करते हैं।

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    हिंदू पंचांग के अनुसार, बगलामुखी जयंती वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल बगलामुखी जयंती 15 मई, 2024 को मनाई जाएगी, तो आइए इसकी पूजन विधि को जानते हैं।

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    कब है बगलामुखी जयंती 2024?

    हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 15 मई, 2024 दिन बुधवार को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 16 मई, 2024 दिन गुरुवार सुबह 06 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, इस साल बगलामुखी जयंती 15 मई को मनाई जाएगी। साथ ही इसी दिन मासिक दुर्गाष्टमी भी है।

    देवी बगलामुखी की पूजा विधि

    • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें
    • पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
    • एक वेदी पर पीला वस्त्र बिछाकर देवी बगलामुखी की प्रतिमा स्थापित करें।
    • गंगाजल से प्रतिमा को साफ करें।
    • देवी को कुमकुम का तिलक लगाएं।
    • पीले फूलों की माला अर्पित करें।
    • देसी घी का दीपक जलाएं।
    • पीली मिठाई और फल का भोग लगाएं।
    • बगलामुखी कवच ​​एवं स्तोत्र का पाठ करें।
    • पूजा का समापन आरती से करें।
    • पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
    • इस दिन तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी न करें।
    • ज्यादा से ज्यादा धर्म-कर्म करें।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।