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    बाबा बर्फानी भूखे को अन्न, प्यासे को पानी

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    Updated: Mon, 01 Jul 2013 02:25 PM (IST)

    अमरनाथ श्रद्धालुओं के लिए लंगर कमेटियां जी जान से पलकें बिछा कर उनका सत्कार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। खाने-पीने से लेकर सोने तक की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।

    जम्मू। अमरनाथ श्रद्धालुओं के लिए लंगर कमेटियां जी जान से पलकें बिछा कर उनका सत्कार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। खाने-पीने से लेकर सोने तक की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।

    समुद्र तल से 3880 मीटर की ऊंचाईं पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा की ओर बालटाल और पहलगाम से जाने वाले मार्गो पर कुछ किलोमीटर के अंतराल पर लंगर लगाए गए हैं। इस वर्ष विभिन्न समाजिक संगठनों ने 124 लंगर बालटाल और पहलगाम में लगाए हैं। दिन में लंगर कमेटियां श्रद्धालुओं की भूख और प्यास को बुझाती हैं और रात होते ही लंगर स्थल धर्मशाला में तब्दील हो जाते हैं। श्रद्धालुओं को बिस्तर और सर्दी से बचने के लिए बुखारी भी मुहैया करवाई जाती है। बालटाल स्थित अमरनाथ युवा मंडल करनाल लंगर समिति के सदस्य एस शर्मा निवासी रोहतक ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से एक माह पूर्व ही वे बंदोबस्त करने में जुट जाते हैं। यात्रा समाप्त होने तक वे लंगर में सेवा करते हैं। व्यापार और घर की परवाह किए बिना शिवभक्तों की आवभगत में लगे रहते हैं। प्रत्येक लंगर कमेटियां में पचास से दो सौ सेवक मौजूद थे। लंगर कमेटियां अमरनाथ यात्रा शुरू होने के चार माह पहले ही श्रीनगर में किराये की जगह लेकर सामान एकत्रित करना शुरू कर देती हैं। अधिकतर लंगर कमेटियां अन्य राज्यों की है। इनमें दिल्ली और पंजाब की लंगर कमेटियां अधिक हैं। गुजरात से आए श्रद्धालुओं के जत्थे मुकेश, मोहिनी, राकेश ने कहा कि अगर यात्रा में लंगर कमेटियां का अहम योगदान होता है। राज्य में प्रवेश करते हुए श्रद्धालुओं को खाने-पीने की कोई चिंता नहीं रहती है। गौतलब है कि पिछले साल लंगरों की संख्या 134 थी।

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    यात्रा ट्रैक में हुआ सुधार-

    श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने समाज सेवी संगठनों के साथ मिलकर बालटाल यात्रा मार्ग को पहले की तुलना में चौड़ा किया है। पहले यात्रा मार्ग पहाड़ी की तरफ से चार से छह फीट तक चौड़ा था। अब उसे दो से चार फीट और चौड़ा किया है। काली माता पर्वत होकर बने एक अन्य मार्ग (शार्टकट) का विस्तार किया है। अब पैदल यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को काली माता पर्वत की ओर से भेजा जा रहा है। मुख्य ट्रैक (संगम प्वाइंट) से घोड़े एवं पालकी पर जाने वाले श्रद्धालुओं को भेजा जा रहा है।

    लंगरवालों को प्रताड़ित कर रही सरकार-

    अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लंगर लगाने वालों को उचित दाम पर राशन उपलब्ध नही कराए जाने पर राष्ट्रवादी शिव सेना ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। शिव सैनिकों का कहना है कि यात्रा के आयोजन में सरकार का रवैया सकारात्मक नहीं है। कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला जलाया। उपप्रधान राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार अमरनाथ यात्रा मामले में हर फ्रंट पर विफल रही है।

    हज यात्रा के लिए सरकार करोड़ों की सब्सिडी देती है, लेकिन अमरनाथ श्रद्धालुओं को लेकर सरकार सुविधाएं देने से कन्नी काट रही है। लंगर के सामान पर लखनपुर में टैक्स लगाया जा रहा है। सरकार की इस नीति को सहन नहीं किया जाएगा। अश्विनी गुप्ता ने पहलगाम में श्रद्धालुओं पर किए गए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि बाबा अमरनाथ श्राइन बोर्ड उचित प्रबंध नहीं कर सका और न ही उचित सुविधाएं दे पाया है। राष्ट्रवादी शिव सेना के प्रधान विपिन हिंदू ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार जानबूझ कर शिवभक्तों को परेशान कर रही है।

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