Vivah Muhurat In May 2025: मई में 15 दिन बजेगी शहनाई, नोट कर लीजिए शादी के शुभ मुहूर्त
Vivah Muhurat In May 2025 बेटे-बेटियों की शादी कि लिए लोग मई के शुभ मुहूर्तों के बारे में जानना चाह रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल शादी के लिए सबसे ज्यादा मुहूर्त मई में ही बन रहे हैं। इस महीने में शादी के 15 मुहूर्त मिल रहे हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vivah Muhurat In May 2025: हिंदू धर्म में 16 संस्कारो में से एक महत्वपूर्ण संस्कार विवाह होता है। सिर्फ वर और कन्या का नहीं, यह दो परिवारों का संबंध होता है। लिहाजा, न सिर्फ दांपत्य जीवन सुखमयी रहे, बल्कि दोनों परिवारों के बीच भी अच्छे रिश्ते रहें, इसलिए शादी को शुभ मुहूर्त में कराया जाता है।
कई लोगों ने अपने-अपने बेटे-बेटियों के लिए रिश्ते तय कर लिए हैं। अब उन्हें एक अच्छे मुहूर्त की तलाश है, जिसमें उनके घरों में शहनाई बजे। इसके लिए लोग मई के शुभ मुहूर्तों के बारे में जानना चाह रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल शादी के लिए सबसे ज्यादा मुहूर्त मई में ही बन रहे हैं।
मई में शादी के लिए 15 तारीखें हैं। इसके बाद जून में विवाह के लिए 5 और नवंबर-दिसंबर में करीब 17 मुहूर्त मिलेंगे। तो देर किस बात की है, यहां पढ़िए मई में शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त किस-किस तारीख पर बन रहे हैं।
शादी के लिए शुभ तारीख
1 मई 2025, गुरुवार
5 मई 2025, सोमवार
6 मई 2025, मंगलवार
8 मई 2025, गुरुवार
10 मई 2025, शनिवार
14 मई 2025, बुधवार
15 मई 2025, गुरुवार
16 मई 2025, शुक्रवार
17 मई 2025, शनिवार
18 मई 2025, रविवार
22 मई 2025, गुरुवार
23 मई 2025, शुक्रवार
24 मई 2025, शनिवार
27 मई 2025, मंगलवार
28 मई 2025, बुधवार
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4 महीनों तक नहीं होंगे विवाह
इसके बाद जून में शादी के लिए 5 मुहूर्त रहेंगे। फिर जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में शादी के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। देवशयनी एकादशी के बाद जून में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे।
शादी के लिए अगले मुहूर्त इसके 4 महीने के बाद नवंबर और दिसंबर में ही बनेंगे। नवंबर में 14 दिन और दिसंबर में तीन दिन ही शादी के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


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