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Marriage Astrology: कुंडली से जानें, किस उम्र में होगी आपकी शादी और कैसा होगा जीवनसाथी ?

Marriage Astrology ज्योतिषियों की मानें तो विवाह भाव में शुभ ग्रह के रहने पर शीघ्र शादी हो जाती है। वहीं मंगल राहु-केतु और शनि अशुभ ग्रह हैं। विवाह भाव में इन ग्रहों के रहने से शादी में देर होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Mon, 29 May 2023 10:54 AM (IST)Updated: Mon, 29 May 2023 10:54 AM (IST)
Marriage Astrology: कुंडली से जानें, किस उम्र में होगी आपकी शादी और कैसा होगा जीवनसाथी ?
Marriage Astrology: कुंडली से जानें, किस उम्र में होगी आपकी शादी और कैसा होगा जीवनसाथी ?

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Marriage Astrology: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। ज्योतिष कुंडली देखकर भविष्य की गणना करते हैं। कुंडली से विवाह की भी पूरी जानकारी प्राप्त हो जाती है। इससे यह पता चल जाता कि आपकी शादी कब होगी और आपका होने वाला जीवनसाथी कैसा होगा ? अगर आप भी अपनी शादी को लेकर चिंतित हैं, तो प्रकांड पंडित से संपर्क कर विवाह की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो विवाह भाव में शुभ ग्रह के रहने पर शीघ्र शादी हो जाती है। वहीं, मंगल, राहु-केतु और शनि अशुभ ग्रह हैं। विवाह भाव में इन ग्रहों के रहने से शादी में देर होती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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कुंडली से जानते हैं-

- कुंडली के सातवें भाव में बुध के रहने पर शीघ्र शादी हो जाती है। शादी के योग 20 वें वर्ष से बनने लगते हैं। हालांकि, बुध पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि न हो। साथ ही कुंडली में कोई दोष न लगा हो।

- अगर जन्म कुंडली के सांतवे भाव में गुरु है, तो विवाह के योग 24 वें वर्ष से बनते हैं। गुरु लड़कियों की शादी के कारक होते हैं। कुंडली में गुरु मजबूत रहने से अविवाहित लड़की की शादी जल्द हो जाती है।

- जीवनसाथी के भाव में चन्द्रमा के रहने पर 25 वर्ष तक शादी हो जाती है। साथ ही मन मुताबिक जीवनसाथी मिलता है।

- सातवें भाव में शुक्र के रहने पर 26 वें वर्ष से विवाह के योग बनते हैं। साथ ही जीवनसाथी प्यार करने वाला होता है।

- कुंडली के सातवें भाव में सूर्य और राहु के रहने पर 27 वें वर्ष से योग बनते हैं। वहीं, मंगल के रहने पर 28 वें वर्ष से शादी के योग बनते हैं। जबकि, शनि और केतु के रहने पर जातक की शादी 30 वर्ष के पश्चात होती है।

-कुंडली के सातवें भाव में शुभ ग्रह के रहने पर खूबसूरत जीवनसाथी मिलता है। वहीं, अशुभ ग्रह के रहने पर जीवनसाथी गुस्से में तेज होता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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