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    Astrology Tips: डर से बार-बार खुल जाती है आपके बच्चे की नींद, तो करें ये उपाय

    Updated: Sat, 22 Jun 2024 11:14 AM (IST)

    अगर घर में किसी छोटे बच्चें की नींद रात में बार-बार खुल जाती है तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसका एक कारण डरावने सपने आना हो सकता है। वहीं आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा भी इस समस्या का एक कारण हो सकती है। ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में बताए गए कुछ उपायों द्वारा आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

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    Astrology Tips for sleeping बच्चों को सोते समय लगता है डर, तो करें ये काम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। छोटे बच्चे अकसर रात में सोते समय डरकर जाग जाते हैं और रोने लगते हैं। नींद पूरी न होने के कारण उनकी सेहत पर भी असर देखने को मिलता है। ऐसी स्थिति में समझ नहीं आता कि क्या करना चाहिए। इस स्थिति से निपटने के लिए आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं। जिन्हें अपनाने से बच्चों की बार-बार डरकर जागने की समस्या खत्म हो सकती है। 

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    नहीं आएंगे बुरे सपने

    बच्चों के रात में जाग जाने का एक कारण बुरा सपना भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में हल्दी की गांठ पर मौली बांधकर उसे बच्चे के सिरहाने पर रख दें। इस उपाय को करने से बुरे सपने आने की समस्या बंद हो जाती है। इसके साथ ही आप सोने से पूर्व किसी कपड़े में पीले चावल बांधकर भी रख सकते हैं, इससे डर आदि से छुटकारा मिलता है।

    करें ये काम

    यदि छोटे बच्चे की नींद रात में बार-बार खुल जाती है, तो इसके लिए आप बच्चों के तकिए के नीचे माचिस रख सकते हैं। इससे नकारात्मकता दूर बनी रहती है और बच्चा आराम से सोता है। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि सोने के कमरे में जूते-चप्पल आदि नहीं होने चाहिए। वरना इससे रात में डर लगने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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    बार-बार नहीं टूटेगी नींद

    रात को सोने से पहले तांबे के बर्तन या फिर घड़े आदि में पानी भरकर रख देना चाहिए। इसके बाद अगले दिन सुबह उठकर इस पानी को किसी पौधे में डाल दें। इस उपाय को करने से बार-बार नींद का टूटने या फिर डर लगने की समस्या से मुक्ति मिल सकती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।