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Ashlesha Nakshatra: सफल व्यापारी और चतुर अधिवक्ता होते हैं इस नक्षत्र के जातक, जानें कैसे होता है स्वभाव

Ashlesha Nakshatra इस नक्षत्र का अर्थ आलिंग होता है। इस नक्षत्र का स्थान आकाश मंडल में 9वां है। यह नक्षत्र कर्क राशि के अंतर्गत आता है। इसका स्वामी बुध है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 04:07 PM (IST)
Ashlesha Nakshatra: सफल व्यापारी और चतुर अधिवक्ता होते हैं इस नक्षत्र के जातक, जानें कैसे होता है स्वभाव
Ashlesha Nakshatra: सफल व्यापारी और चतुर अधिवक्ता होते हैं इस नक्षत्र के जातक, जानें कैसे होता है स्वभाव

Ashlesha Nakshatra: इस नक्षत्र का अर्थ आलिंग होता है। इस नक्षत्र का स्थान आकाश मंडल में 9वां है। यह नक्षत्र कर्क राशि के अंतर्गत आता है। इसका स्वामी बुध है। यह सूर्य के नजदीक होा है ऐसे में इसे प्रातः काल में देखा भी जा सकता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुध है। जिन जातकों का जन्म अश्लेषा नक्षत्र में होता है उनकी जन्म राशि कर्क तथा राशि स्वामी चन्द्रमा है। इनका वर्ण ब्राह्मण, वश्य जलचर, योनि मार्जार, महावैर यानी मूषक, गण राक्षस तथा नाड़ी अन्त्य है। तो चलिए ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री से जानते हैं कि इस नक्षत्र के जातकों का स्वाभाव कैसा होता है।

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जो लोग इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनके जीवन पर बुध व चन्द्र का प्रभाव पड़ता है। ये भाग्यशाली होते हैं। वहीं, हृष्ट-पुष्ट शरीर के स्वामी होते हैं। इनकी वाणी ऐसी होती है कि लोग मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं। इन्हें बात करना बेहद पसंद होता है। इसी वजह से ये किसी से भी कई घंटों तक बैठकर चर्चा कर सकते हैं। इनका चेहरा वर्गाकार, मुख-मंडल बहुत सुन्दर और आंखें छोटी होती है। इनमें बुद्धिमानी होती है। इन जातकों को अपनी स्वतंत्रता में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं होता।

अश्लेषा नक्षत्र के जातक का ग्रह वाणिक भी है जिसके चलते इस नक्षत्र में जन्मे जातक सफल व्यापारी, चतुर अधिवक्ता, भाषण कला में निपुण होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये जातक बेहद ईमानदार तो होते ही हैं वहीं, मौकापरस्त भी होते हैं। ये आसानी से किसी पर विश्वास नहीं करते हैं। ये हठीले और जिद्दी स्वभाव के होते हैं। इन पर नाग देवता का प्रभाव काफी ज्यादा होता है जिसके फलस्वरूप ये बेहद क्रोधी स्वभाव के होते हैं। अश्लेशा नक्षत्र के बारे में यह कहा जाता है कि अगर इनका जन्म पहले पद में होता है तो वो अपनी माता को त्याग देते हैं। वहीं, अगर दूसरे पाये में होता है तो पिता को त्याग देते हैं। तीसरे पाये में अपने बड़े भाई या बहन को और चौथे पाये में अपने को ही सात दिन, सात महीने, सात वर्ष के अन्दर सभी प्रभावों को दिखा देता है।

ये जातक बेहद मिलनसार स्वभाव के होते हैं। साथ ही किसी भी संकट का पूर्वानुमान लगाने में भी काफी कुशल होते हैं। इन जातकों का मन लगातार किसी न किसी उधेड़बुन में लगा रहता है। इन्हें रहस्यमय ढंग से काम करना बेहद पसंद होता है। ये दिमाग से काम करना ज्यादा पंसद करते हैं। इन्हें शारीरिक मेहनत ज्यादा पसंद नहीं होती है। इस नक्षत्र के जातक अच्छे लेखक होते हैं। वहीं, अगर ये लोग अभिनय के क्षेत्र में जाते हैं तो एक बेहतर और सफल अभिनेता बन सकते हैं। कला और वाणिज्य के क्षेत्र में भी आप जा सकते हैं। ये व्यवसाय में ज्यादा सफल हो सकते हैं। ऐसे में इनका झुकाव नौकरी के बजाय व्यवसाय की तरफ ज्यादा होता है।

डिस्क्लेमर-

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी. ''  


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