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    Ashadha Purnima 2024: आषाढ़ पूर्णिमा के दिन करें चंद्र दोष दूर करने के उपाय, नोट करें पूजन सामग्री

    आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों विशेषकर गंगा नदी में डुबकी लगाने से भक्तों की सभी मुरादें पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही इस दिन दान-पुण्य और चंद्र देव की पूजा का भी विधान है। इस साल आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 19 Jul 2024 12:38 PM (IST)
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    Ashadha Purnima 2024: चंद्र दोष समाप्त करने के उपाय

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आषाढ़ पूर्णिमा अपने आप में बहुत शुभ मानी जाती है। यह हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 21 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इसे वेद व्यास जयंती के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि ( Ashadha Purnima 2024) का उपवास रखने और पूजा-अर्चना करने से जीवन की सभी बाधाओं का नाश होता है।

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    वहीं, इस दिन अगर कोई ज्योतिष उपाय किए जाए, तो जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है, तो चलिए चंद्रमा को मजबूत करने के कुछ उपाय को जानते हैं -

    आषाढ़ पूर्णिमा की पूजन सामग्री

    • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा
    • लकड़ी की चौकी
    • खड़े अक्षत
    • सिंदूर
    • दीपक
    • घी
    • पंचामृत
    • रोली
    • धूप
    • गोपी चंदन
    • बत्ती
    • मिठाई
    • ऋतुफल
    • गंगाजल
    • कमल और पीले फूलों की माला
    • लाल कपड़ा
    • हवन सामग्री
    • आसन
    • शुद्ध जल आदि।

    चंद्र दोष समाप्त करने के उपाय

    • यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा का दोष है, तो इसका प्रभाव कम करने के लिए आषाढ़ पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की विधिपूर्वक पूजा करें। इसके साथ ही उनके बीच मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होगी। साथ ही उनका दुष्प्रभाव भी धीरे-धीरे समाप्त होगा।
    • इसके अलावा पूर्णिमा तिथि पर गरीबों की मदद करें। उन्हें सफेद वस्त्र, चावल, शक्कर, दूध, सफेद मिठाई, चांदी, मोती आदि चीजों का दान कर सकते हैं। इससे कुंडली में स्थिति चंद्रमा का दोष समाप्त होगा।

    चंद्र देव वैदिक मंत्र

    ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं। महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।

    बीज मंत्र

    ऊँ सों सोमाय नम:

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।