आसाराम बापू की जमानत की नामंजूरगी के साथ एक लाख का लगा जुर्माना
बलात्कार और यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम ने गुजरात और राजस्थान में चल रहे मामलों में ज़मानत की मांग की है।
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज आसाराम बापू की अंतरिम ज़मानत की मांग को लेकर दाखिल याचिका को खारिज कर दिया गया है। कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया गया है। कोर्ट के मुताबिक आसाराम का स्वास्थ्य इतना खराब नहीं है कि उन्हें जमानत दी जाये।
कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ एक नई एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गयी है। साथ ही आसाराम के खिलाफ एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। आसाराम पर कोर्ट में अपनी स्वास्थ्य को लेकर फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप है। मामले की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने आसाराम की ओर से कई जांच कराने से मना कर दिया गया। ऐसे में आसाराम की याचिका को खारिज कर दिया गया। आसाराम बापू की ओर से दाखिय की गयी यह सातवीं जमानत याचिका है। जिसे कोर्ट की ओर से खारिज कर दिया गया है। उन्हें नाबालिग लड़की से यौन शोषण के आरोप में वर्ष 2013 के अगस्त माह में गिरफ्तार किया गाय था।
बलात्कार और यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम ने गुजरात और राजस्थान में चल रहे मामलों में ज़मानत की मांग की है। इस बीच दोनों मामलों के कुछ गवाहों ने भी खुद को खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा की गुहार की है।