April 2025 Wedding Dates: अप्रैल महीने में इतने दिन बजेगी शहनाइयां, यहां जानें तिथि और मुहूर्त
सनातन धर्म में संक्रांति तिथि पर गंगा स्नान किया जाता है। इसके साथ ही पूजा जप-तप एवं दान-पुण्य किया जाता है। ज्योतिष भी करियर में सफलता पाने के लिए सूर्य देव की पूजा करने की सलाह देते हैं। सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। 14 अप्रैल (April 2025 Wedding Dates) से विवाह मुहूर्त का शंखनाद होगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। वहीं, सूर्य देव के धनु और मीन राशि में गोचर करने पर खरमास लगता है। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। सूर्य देव 14 मार्च को कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। इस दिन से खरमास लगेगा। वहीं, खरमास का समापन 14 अप्रैल को होगा। इस दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। मेष संक्रांति तिथि से सभी प्रकार के शुभ काम किए जाएंगे। आइए,अप्रैल माह के विवाह मुहूर्त (April 2025 Vivah Muhurat) की तिथियां जानते हैं-
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अप्रैल माह विवाह मुहूर्त
- 14 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस दिन स्वाति नक्षत्र और शिववास योग का संयोग है।
- 16 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया एवं चतुर्थी तिथि है। इस दिन अनुराधा सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का संयोग है।
- 18 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी और षष्ठी तिथि है। इस दिन मूल नक्षत्र और परिघ योग का संयोग है।
- 19 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी एवं सप्तमी तिथि है। इस दिन मूल एवं पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और शिव योग का संयोग है।
- 20 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि है। इस दिन पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और सिद्ध योग का संयोग है।
- 21 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी एवं नवमी तिथि है। इस दिन उत्तराषाढ़ा एवं श्रवण नक्षत्र और साध्य और शुभ योग का संयोग है।
- 25 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि है। इस दिन पूर्वाभाद्रपद एवं उत्तराभाद्रपद श्रवण नक्षत्र और इंद्र योग का संयोग है।
- 29 अप्रैल को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया और तृतीया तिथि है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग का संयोग है।
- 30 अप्रैल को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया और चतुर्थी तिथि है। इस दिन रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है।
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