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    Annapurna Jayanti 2024: मां अन्नपूर्णा की कृपा के लिए करें ये काम, कभी खाली नहीं होंगे अन्न के भंडार

    हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि पर अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti 2024) मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर माता पार्वती ने मां अन्नपूर्णा का रूप धारण किया था और संसार को अन्न की कमी से बचाया था। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप मां अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्ति के लिए कौन-से कार्य कर सकते हैं।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 04 Dec 2024 05:27 PM (IST)
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    Annapurna Jayanti 2024 मां अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्ति के लिए रसोई में करें ये काम (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में मां अन्नपूर्णा को संसार की भरण-पोषण की देवी के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि अन्नपूर्णा देवी की कृपा से साधक के अन्न के भंडार सदा भरे रहते हैं। इसी के साथ रसोई घर में भी मां अन्नपूर्णा का वास माना जाता है। तो चलिए जानते हैं कि ऐसे कौन-से कार्य हैं, जिन्हें आप अपने रसोई घर में करके माता अन्नपूर्णा की कृपा की प्राप्ति कर सकते हैं।

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    अन्नपूर्णा जयंती मुहूर्त (Annapurna Jayanti Shubh Muhurat)

    साल 2024 में मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 14 दिसंबर को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर हो रहा है। साथ ही, इस तिथि का समापन 15 दिसंबर को दोपहर 01 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अन्नपूर्णा जयंती रविवार, 15 दिसंबर को मनाई जाएगी।

    न करें ये गलती

    आपने अपने घर के बड़े-बुजुर्गों को यह कहते हुए सुना होगा कि अन्न (भोजन) का कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा आपसे नाराज हो सकती हैं, जिससे घर में अन्न-धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जितनी जरूरत हो, उतना ही भोजन ग्रहण करें। प्लेट में जूठा भोजन न छोड़ें, न ही दहलीज पर बैठकर भोजन न करें।

    इन बातों का रखें ख्याल

    किचन में कभी भी अग्नि और पानी को पास-पास न रखें। इसी के साथ सिंक और गैस चूल्हा भी एक-दूसरे से दूर रखना चाहिए क्योंकि सिंक जल तत्व का प्रतीक है, वहीं चूल्हा अग्नि तत्व का। ऐसा करने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है।

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    करें इस मंत्र का जप

    आप रोजाना ब्रह्म मुहूर्त या फिर शाम के समय संध्या आरती के बाद रसोई घर में बैठकर मां अन्नपूर्णा के सिद्धि मंत्र का जाप कर सकते हैं। आप इस मंत्र का जप 11, 21, 51 या फिर 108 बार कर सकते हैं।

    अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकरप्राणवल्लभे।

    ज्ञान वैराग्य-सिद्ध्‌यर्थं भिक्षां देहिं च पार्वति।।

    माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वरः।

    बान्धवाः शिवभक्ताश्च स्वदेशो भुवनत्रयम्‌ ।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।