Move to Jagran APP

Annapurna Jayanti 2022: अन्नपूर्णा जयंती आज, धन धान्य के लिए करें अन्नपूर्णा स्त्रोत का पाठ

Annapurna Jayanati 2022 मां अन्नपूर्णा मां पार्वती का स्वरूप है। आज के दिन अन्नपूर्णा जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म के अनुसार जिस घर में अन्नपूर्णा स्तोत्र का पाठ करता है वहीं पर कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है।

By Shivani SinghEdited By: Published: Thu, 08 Dec 2022 08:15 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2022 08:15 AM (IST)
Annapurna Jayanti 2022: अन्नपूर्णा जयंती आज, धन धान्य के लिए करें अन्नपूर्णा स्त्रोत का पाठ
Annapurna Jayanti 2022: अन्नपूर्णा जयंती आज, धन धान्य के लिए करें अन्नपूर्णा स्त्रोत का पाठ

नई दिल्ली, Annapurna Jayanati 2022: पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि के दिन मां अन्नपूर्णा प्रकट हुई थी। इसी कारण आज के दिन अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि संसार में अन्न जल की कमी होने पर मां पार्वती से अन्नपूर्णा का स्वरूप लिया था। आज के दिन मां अन्नपूर्णा की विधिवत पूजा करने के साथ इस स्त्रोत का पाठ करें। माना जाता है कि अन्नपूर्णा स्त्रोत का पाठ करने से मां जल्द प्रसन्न होती है और धन धान्य, समृद्धि का आशीर्वाद देती है।

prime article banner

अन्नपूर्णा स्त्रोत

नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौंदर्यरत्नाकरी।

निर्धूताखिल-घोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी।

प्रालेयाचल-वंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी।

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपुर्णेश्वरी।।

नानारत्न-विचित्र-भूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी।

मुक्ताहार-विलम्बमान विलसद्वक्षोज-कुम्भान्तरी।

काश्मीराऽगुरुवासिता रुचिकरी काशीपुराधीश्वरी।

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी।।

योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्माऽर्थनिष्ठाकरी।

चन्द्रार्कानल-भासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी।

सर्वैश्वर्य-समस्त वांछितकरी काशीपुराधीश्वरी।

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी।।

कैलासाचल-कन्दरालयकरी गौरी उमा शंकरी।

कौमारी निगमार्थगोचरकरी ओंकारबीजाक्षरी।

मोक्षद्वार-कपाट-पाटनकरी काशीपुराधीश्वरी।

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी।।

दृश्याऽदृश्य-प्रभूतवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरी।

लीलानाटकसूत्रभेदनकरी विज्ञानदीपांकुरी।

श्री विश्वेशमन प्रसादनकरी काशीपुराधीश्वरी।

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी।।

उर्वी सर्वजनेश्वरी भगवती माताऽन्नपूर्णेश्वरी।

वेणीनील-समान-कुन्तलहरी नित्यान्नदानेश्वरी।

सर्वानन्दकरी दृशां शुभकरी काशीपुराधीश्वरी।

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी।।

आदिक्षान्त-समस्तवर्णनकरी शम्भोस्त्रिभावाकरी।

काश्मीरा त्रिजलेश्वरी त्रिलहरी नित्यांकुरा शर्वरी।

कामाकांक्षकरी जनोदयकरी काशीपुराधीश्वरी।

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी।।

देवी सर्वविचित्ररत्नरचिता दाक्षायणी सुंदरी।

वामस्वादु पयोधर-प्रियकरी सौभाग्यमाहेश्वरी।

भक्ताऽभीष्टकरी दशाशुभकरी काशीपुराधीश्वरी।

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी।।

चर्न्द्रार्कानल कोटिकोटिसदृशा चन्द्रांशुबिम्बाधरी।

चन्द्रार्काग्नि समान-कुन्तलहरी चन्द्रार्कवर्णेश्वरी।

माला पुस्तक-पाश-सांगकुशधरी काशीपुराधीश्वरी।

शिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी।।

क्षत्रत्राणकरी महाऽभयकरी माता कृपासागरी।

साक्षान्मोक्षरी सदा शिवंकरी विश्वेश्वरी श्रीधरी।

दक्षाक्रन्दकरी निरामयकरी काशीपुराधीश्वरी।

भिक्षां देहि कृपावलंबनकरी माताऽन्नपूर्णेश्वरी।।

अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकरप्राणवल्लभे !

ज्ञान वैराग्य-सिद्ध्‌यर्थं भिक्षां देहिं च पार्वति।।

माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वरः।

बान्धवाः शिवभक्ताश्च स्वदेशो भुवनत्रयम्‌।।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.