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    Annaprashan Sanskar: इसलिए शिशु के लिए जरूरी है अन्नप्राशन संस्कार, जानिए इसकी विधि

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Sat, 22 Jul 2023 11:14 AM (IST)

    Annaprashan Sanskar अन्नप्राशन संस्कार शिशु के जीवन में एक महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है। साथ ही यह भी माना गया है कि इस संस्कार के दौरान बच्चा जो पहला ठोस आहार खाता है वह उनके भविष्य के स्वास्थ्य और समृद्धि को निर्धारित करता है। आइए जानते हैं कि शिशु के लिए अन्नप्राशन संस्कार क्यों जरूरी है और इसकी विधि क्या है।

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    Annaprashan Sanskar अन्नप्राशन संस्कार का क्या महत्व है।

    नई दिल्ली, अध्यात्म। Annaprashan Sanskar: हिंदू धर्म में मनुष्य के जन्म से लेकर मरण तक कुल 16 संस्कार बताए गए हैं। इन सभी संस्कारों का अपना-अपना महत्व है। इन्हीं में से एक है अन्नप्राशन संस्कार। यह 16 संस्कारों में से 7वां संस्कार है। इसके अंतर्गत शिशु को पारंपरिक विधियों के साथ पहली बार अनाज खिलाया जाता है। इससे पहले शिशु केवल अपनी माता के दूध पर ही निर्भर रहता है।

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    क्यों जरूरी है यह संस्कार

    अन्नप्राशन शब्द संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ होता है अनाज का सेवन शुरू करना। इस दिन शिशु के माता-पिता पूरे विधि-विधान के साथ बच्चे को पहली बार अन्न खिलाते हैं। बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अन्नप्राशन संस्कार जरूरी माना गया है। बच्चे के जन्म के छठवें या सातवें महीने में अन्नप्राशन संस्कार करना उचित समझा जाता है। क्योंकि तब तक बच्चे के दांत निकल आते हैं और वह अच्छे से खाने को पचाने में सक्षम होते हैं।

    अन्नप्राशन संस्कार की विधि

    शुभ महूर्त में अन्नप्राशन संस्कार करना बेहतर होत है। इस दिन बच्चे के माता-पिता अपने ईष्ट देवी-देवता की पूजा करें। भगवान को चावल से बनी खीर का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद यह खीर चांदी की चम्मच से बच्चे को चटाई जाती है। चावल की खीर देवताओं का अन्न माना जाता है, इसलिए अन्नप्राशन संस्कार के समय बच्चे को खीर खिलाते हुए ये मंत्र जरूर बोलें-

    शिवौ ते स्तां व्रीहियवावबलासावदोमधौ । एतौ यक्ष्मं वि वाधेते एतौ मुञ्चतो अंहसः॥

    इस मंत्र का अर्थ है कि- हे 'बालक! जौ और चावल तुम्हारे लिए बलदायक तथा पुष्टिकारक हों। क्योंकि ये दोनों वस्तुएं यक्ष्मा-नाशक हैं तथा देवान्न होने से पापनाशक हैं।'

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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