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    Anant Chaturdashi 2025: 06 या 07 सितंबर, कब है अनंत चतुर्दशी? यहां पता करें मुहूर्त और महत्व

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 09:00 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2025) के दिन सुकर्मा और रवि योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। साथ ही धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी। साथ ही भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।

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    Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के अगले दिन अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। यह दिन बेहद खास होता है। इस दिन न केवल लक्ष्मी नारायण जी की पूजा और भक्ति की जाती है, बल्कि गणपति बप्पा की विदाई भी की जाती है। आसान शब्दों में कहें तो अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है।

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    धार्मिक मत है कि अनंत चतुर्दशी के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके साथ ही जीवन में आने वाली बलाएं भी टल जाती हैं। इस दिन साधक अनंत रक्षा सूत्र भी बांधते हैं। आइए, अनंत चतुर्दशी की सही तिथि और मुहूर्त जानते हैं-

    कब मनाई जाती है अनंत चतुर्दशी?

    अनंत चतुर्दशी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में लक्ष्मी नारायण जी की विशेष पूजा की जाती है। भक्तजन अपने घरों पर भी पूजा का आयोजन करते हैं। इस व्रत की महिमा शास्त्रों में वर्णित है।

    कब किया जाता है गणेश विसर्जन?

    हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर चतुर्दशी तिथि तक गणेश महोत्स्व मनाया जाता है। इस दौरान गणपति बप्पा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। वहीं, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा को विदा किया जाता है।

    06 या 07 सितंबर कब है अनंत चतुर्दशी?

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 06 सितंबर को देर रात 03 बजकर 12 मिनट (अंग्रेजी कैलेंडर अनुसार) पर हो रही है। वहीं, 07 सितंबर को देर रात 01 बजकर 41 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 06 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी।

    अनंत चतुर्दशी पूजा समय

    अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा के लिए शुभ समय दिन भर है। साधक किसी समय स्नान-ध्यान कर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा कर सकते हैं। वहीं, पूजा का शुभ समय सुबह 06 बजकर 02 मिनट से देर रात 01 बजकर 41 मिनट तक है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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