अनंत अंबानी और राधिका की शादी में दिखी थी अध्यात्म-संस्कृति में अनंत आस्था
आज यानी 12 जुलाई को अनंत अंबानी राधिका मर्चेंट की शादी की सालगिरह (Anant Ambani Radhika Merchant Wedding anniversary) मनाई जा रही है। इस विवाह में सांस्कृतिक धार्मिक व सामाजिक कार्यों में रस्मे हुई थी। इस विवाह की चर्चा देशभर में हो रही थी। ऐसे में आइए अनंत अंबानी और राधिका की शादी की सालगिरह पर जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण बातें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दिग्गज कारोबारी एवं रिलायंस समूह के अध्यक्ष मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी व राधिका की शादी को (Anant Ambani Radhika Merchant Wedding anniversary) एक वर्ष आज यानी 12 जुलाई 2025 को हो गया है।
वर्ष होने वाला है। एक तरफ जहां उनकी शादी के कार्यक्रमों व उसमें शामिल होने वाले अतिथियों के कारण पूरा आयोजन वैश्विक चर्चा के केंद्र में रहा था। वहीं उसके बाद से खुद अनंत जिस तरह सांस्कृतिक, धार्मिक व सामाजिक कार्यों में रस्मे दिखाई दिए, वह भी ध्यान आकर्षित करता रहा है। अनंत अंबानी व राधिका मर्चेंट के विवाह की रस्मों ने भी अंबानी परिवार (Ambani family) की अध्यात्म व भारतीय संस्कृति में अनंत आस्था की छाप छोड़ी थी।
हिंदू परंपरा में विवाह को न केवल एक सामाजिक बंधन, बल्कि एक पवित्र व आजीवन प्रतिबद्धता भी माना जाता है। इस विवाह में हर भारतीय परंपरा व रीति-रिवाज का पूरी लगन से पालन किया गया। यह निर्णय इन प्रथाओं के प्रति अनंत अंबानी की गहरी श्रद्धा के कारण लिया गया। ऐसे समय में जब भारत विश्व मंच पर आत्मविश्वास से अपना उचित स्थान स्थापित कर रहा है और वित्तीय, तकनीकी व औद्योगिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। तब उसकी एक कड़ी यह समारोह भी बना। अतिथियों की सूची में कई धर्मगुरु, अनेक भारतीय राजनेताओं और मंत्रियों के अलावा दुनियाभर के राजनीतिक व सेलिब्रिटी दिग्गज शामिल हुए। बड़ी संख्या में वैश्विक व्यापारिक नेता भी भारत आए। 'मानव सेवा ही माधव सेवा' की भावना के साथ अंबानी परिवार ने नवी मुंबई के रिलायंस
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कारपोरेट पार्क में 50 वंचित जोड़ों के सामूहिक विल विवाह समारो सुनिश्चित वि समारोह के तक कोई भी रहे। एक सामुदा ने के माध्यम से प्रतिदिन 1,000 से ज्यादा दोपहर व रात के भोजन के लिए भंडारा आयोजित किया गया
विवाह का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में विवाह को एक विशेष संस्कार माना जाता है। यह 16 संस्कारों में शामिल है। विवाह के दौरान सभी रीति रिवाजों को किया जाता है, जिसके बिना विवाह को अधूरा माना जाता है। बता दें, विवाह पति-पत्नी के बीच एक नया रिश्ता स्थापित करता है। इसे 2 परिवार का मिलन माना जाता है।
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