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    Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर होंगे बांके बिहारी के सर्वांग दर्शन, 100 किलो चंदन की दी जाएगी सेवा

    Updated: Fri, 03 May 2024 03:53 PM (IST)

    इस साल अक्षय तृतीया 10 मई 2024 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह वही शुभ दिन है जब ठाकुर जी (Banke Bihari Darshan) के पूर्ण दर्शन होते हैं। ऐसी मान्यता है इस दिव्य दर्शन से भक्तों पर प्रभु की विशेष कृपा बरसती है। साथ ही जीवन खुशियों से भर जाता है तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं जो यहां दी गई है -

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    Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर होंगे बांके बिहारी के चरण दर्शन

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह दिन शुभ कार्यों को करने के लिए विशेष माना जाता है। इसे लोग आखातीज के नाम से भी जानते हैं। अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 10 मई, 2024 दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा।

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    किस दिन मनाई जाएगी अक्षय तृतीया 2024 ?

    तृतीया तिथि की शुरुआत 10 मई, शुक्रवार सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन 11 मई सुबह 2 बजकर 50 मिनट पर होगा। इसके अलावा अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 10 मई सुबह 5 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए जाने वाले सभी कार्य में सफलता मिलती है। साथ ही धन में वृद्धि होती है।

    अक्षय तृतीया पर होंगे बांके बिहारी के चरण दर्शन

    वृंदावन में बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन आते हैं, लेकिन ठाकुर जी के पूर्ण दर्शन तो सिर्फ साल में एक बार ही होते हैं और वह शुभ दिन अक्षय तृतीया का है। इस दिन बांके बिहारी जी के भव्य चरण दर्शन कराए जाते हैं। ऐसी मान्यता है इस दिव्य दर्शन से भक्तों पर प्रभु की विशेष कृपा बरसती है। साथ ही जीवन खुशियों से भर जाता है।

    100 किलो चंदन से दी जाएगी शीतलता

    अक्षय तृतीया के खास मौके पर बिहारी जी को 100 किलो चंदन से शीतलता प्रदान की जाएगी, जिसके लिए पहले से ही प्रबंध शुरू हो चुके हैं। दरअसल, इस पुण्दायी सेवा के लिए दक्षिण भारत के मलयागिरी से चंदन मंगवाया जाता है। साथ ही इसे कुछ दिन पहले ही घिसना शुरू कर दिया जाता है।

    यह लेपन भाव विभोर कर देने वाला होता है, क्योंकि यह पूरी श्रद्धा के साथ श्री बांकेबिहारी जी को अर्पित किया जाता है, ताकि उन्हें शीतलता मिल सके।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'