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Akshaya Tritiya 2023: वैशाख मास में अक्षय तृतीया पर्व कब? ज्योतिषाचार्य से जानिए सही तिथि

Akshaya Tritiya 2023 हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाता है। आइए जानते हैं वर्ष 2023 में कब मनाया जाएगा अक्षय तृतीया पर्व और शुभ मुहूर्त।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Tue, 28 Mar 2023 10:44 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2023 10:44 AM (IST)
Akshaya Tritiya 2023: वैशाख मास में अक्षय तृतीया पर्व कब? ज्योतिषाचार्य से जानिए सही तिथि
Akshaya Tritiya 2023 Date जानिए वैशाख मास में कब है अक्षय तृतीया? जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Akshaya Tritiya 2023 Date and Shubh Muhurat: हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में सोने की खरीदारी करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। बता दें कि इस कार्य के लिए अक्षय तृतीया पर्व को बहुत ही उत्तम माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए शुभ मुहूर्त नहीं देखा जाता है। साथ ही मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने से आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए ज्योतिषाचार्य मनोज थपलियाल जी से जानते हैं वैशाख मास में कब मनाया जाएगा अक्षय तृतीया पर्व, शुभ मुहूर्त और महत्व?

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अक्षय तृतीया तिथि ( Akshaya Tritiya 2023 Date)

ज्योतिषाचार्य मनोज थपलियाल बताते हैं कि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का शुभारंभ 22 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन 23 अप्रैल सुबह 07 बजकर 47 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में अक्षय तृतीया पर्व 22 अप्रैल 2023, शनिवार के दिन मनाया जाएगा।

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2023 Shubh Muhurat)

पंचांग में यह भी बताया गया है कि अक्षय तृतीया के दिन जप, तप और हवन के लिए सुबह 07 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट के बीच की अवधि सबसे उत्तम है। साथ इस विशेष दिन पर चार अत्यंत शुभ योग- त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। जिस वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

अक्षय तृतीया 2023 महत्व (Akshaya Tritiya 2023 Significance)

अक्षय तृतीया दिन के स्वामी भगवान विष्णु हैं, इसलिए इस विशेष दिन पर उनकी उपासना करने से, साथ ही जप, तप, हवन, दान इत्यादि करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही इस विशेष दिन पर पवित्र स्नान और तर्पण करने से साधकों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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