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    Aja Ekadashi 2023: रवि पुष्य योग में रखा जाएगा अजा एकादशी व्रत, जानिए शुभ समय और व्रत के नियम

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Sun, 03 Sep 2023 04:30 PM (IST)

    Aja Ekadashi 2023 हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी व्रत रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है।

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    Aja Ekadashi 2023 अजा एकादशी के दिन बन रहे हैं दो अत्यंत शुभ योग।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Aja Ekadashi 2023 Date and Shubh Muhurat: हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी व्रत रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, यह व्रत 10 सितंबर 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक को सुख-समृद्धि और धन-धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता यह भी है कि एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। बता दें कि अजा एकादशी के दिन दो अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है, जिसमें की गई पूजा-पाठ का विशेष लाभ साधकों को प्राप्त होगा।

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    अजा एकादशी व्रत 2023 शुभ मुहूर्त

    हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 09 सितंबर शाम 07 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और 10 सितंबर रात्रि 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वहीं इस दिन पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। बता दें कि पुनर्वसु नक्षत्र शाम 05 बजकर 06 मिनट तक रहेगा और इसके बाद पुष्य नक्षत्र शुरू हो जाएगा। वहीं इस दिन रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। जो शाम 05 बजकर 06 मिनट से 11 सितंबर सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।

    अजा एकादशी 2023 पर रखें इन बातों का ध्यान

    • शास्त्र में बताया गया है कि जो लोग एकादशी व्रत का पालन करते हैं। उन्हें दशमी तिथि के दिन से ही मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ एकादशी व्रत के दिन लकड़ी के दातुन, नींबू, जामुन या आम का पत्ता नहीं चबाना चाहिए। इस दिन वृक्ष से पत्ता या लकड़ी तोड़ना वर्जित है।

  • एकादशी व्रत के दिन व्यक्ति को अपना मन साफ रखना चाहिए। इसलिए व्रत के दौरान किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचार को मन में उत्पन्न न होने दें और क्रोध पर संयम रखें। साथ ही इस दिन सिर्फ भगवान का भजन या मंत्र का जाप ही करें।

  • मान्यता है की एकादशी के दिन घर में झाड़ू भी नहीं लगना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय बना रहता है। साथ ही इस विशेष दिन पर बाल, नाखून या दाढ़ी बनवाना भी वर्जित है।

  • एकादशी के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि व्रत के दौरान भूलकर भी तुलसी के पत्ते ना तोड़ें। साथ ही तुलसी का पत्ते का स्पर्श भी ना करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु क्रोधित हो सकते हैं। इस दिन तुलसी के समीप एक दीपक जलाकर उनकी पूजा करें। वहीं भगवान विष्णु को भोग अर्पित करने के लिए एक दिन पहले ही तुलसी दल तोड़ लें।

  • डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।