Ahoi Ashtami Vrat 2024: अहोई अष्टमी पर जरूर करें ये उपाय, संतान को मिलेगा लाभ
अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami Vrat Niyam) व्रत हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत माना गया है जिसे कई स्थानों पर अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत पर रात के समय तारे देखने के बाद पूजा की जाती है और फिर व्रत खोला जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं अहोई अष्टमी से जुड़े कुछ उपाय।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष पर की अष्टमी तिथि पर किया जाता है। इस बार यह व्रत गुरुवार, 24 अक्टूबर के दिन पड़ रहा है। इस दिन पर महिलाएं अपनी संतान की सुरक्षा व सफल जीवन के लिए व्रत करती हैं। ऐसे में आप इस दिन पर कुछ उपाय कर सकते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
संतान को मिलेगी सुख-समृद्धि
अहोई अष्टमी की पूजा के दौरान पति-पत्नी को साथ में मिलकर देवी-पार्वती की पूजा करनी चाहिए और सफेद फूल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद रात में तारों को अर्घ्य देकर फिर से पूजा करें। ऐसा करने से आपकी संतान को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
जरूर करें ये काम
अहोई अष्टमी के दिन कथा का पाठ जरूरी करें। इसी के साथ जब आप अहोई अष्टमी की पूजा करें, तो इस दौरान अपने पुत्र या पुत्री को अपने साथ बिठाएं। पूजा की समाप्ति के बाद सबसे पहले बच्चों को प्रसाद दें।
जरूर लगाएं ये पौधा
अहोई अष्टमी के दिन अपने भोजन का कुछ हिस्सा गाय और बछड़े को जरूर खिलाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से अहोई प्रसन्न होती हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसी के साथ इस दिन पर तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ माना जाता है।
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समाप्त होंगी जीवन की समस्याएं
अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा में एक कटोरी में चावल भरकर रख दें। अब इन चावलों पर एक रुपये का सिक्का रखें। इसके बाद माता पार्वती की विधिवत पूजा करें। पूजा समाप्त होने के बाद इस सिक्के को अपनी संतान को दे दें। वहीं चावल की कटोरी को मंदिर में दे आएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से आपकी संतान के जीवन की समस्याएं समाप्त हो सकती हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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