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    Kailash Parvat: माउंट एवरेस्ट से कम है ऊंचाई, फिर भी क्यों मुश्किल मानी जाती है कैलाश की चढ़ाई

    Updated: Sat, 13 Apr 2024 03:49 PM (IST)

    विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट है जिसकी ऊंचाई लगभग 29029 फीट है फिर भी उसके शिखर तक अब तक हजारों लोग पहुंच चुके हैं। लेकिन कैलाश पर्वत है जिसकी ऊंचाई लगभग 21780 फिट है जो माउंट एवरेस्ट से लगभग 7000 फीट से भी कम ऊंचा है। इसके बावजूद कैलाश पर्वत की चोटी तक कोई नहीं पहुंच पाया है।

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    Kailash Parvat: क्यों मुश्किल है कैलाश की चढ़ाई?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Adi Kailash Parvat: कैलाश पर्वत को भगवान शंकर का निवास स्थान माना जाता है। यह पर्वत अद्भुत रहस्यों से भरा हुआ है। शिव पुराण, स्कंद पुराण और मत्स्य पुराण में भी कैलाश पर्वत की महिमा बताई गई है। कैलाश पर्वत न केवल हिंदू धर्म में बल्कि जैन, सिख और बौद्ध धर्म में भी कैलाश पर्वत को लेकर अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। हिंदू धार्मिक ग्रंथो में माना गया है कि कैलाश की चढ़ाई कोई साधारण व्यक्ति नहीं कर सकता। ऐसे में आइए जानते हैं इसका कारण।

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    क्या है मान्यता

    कैलाश पर चढ़ाई नहीं कर पाने के पीछे यह कारण माना जाता है कि कैलाश पर भगवान शिव का निवास है। साथ ही यहां केवल देवताओं और पुण्य आत्मा ही निवास कर सकती हैं। माना जाता है कि सिर्फ वहीं व्यक्ति कैलाश पर जाने के योग्य है, जिसने कभी कोई पाप न किया हो।

    साथ ही कई मान्यताओं के अनुसार, इस पर्वत के चारों ओर एक अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है, जो किसी भी साधारण मनुष्य को यहां आने से रोकता है। इसलिए यह माना जाता है कि कोई भी जीवित व्यक्ति कैलाश की चढ़ाई नहीं कर पाता।

    ये है वैज्ञानिक कारण

    कई लोगों ने कैलाश की चढ़ाई करने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन सभी अपनी कोशिशों में असफल रहे। कैलाश पर्वत को ब्रह्मांड और धरती के बीच का केंद्र माना गया है। एवरेस्ट के वातावरण की तुलना में कैलाश पर्वत का वातावरण ज्यादा मुश्किल माना गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार कैलाश पर्वत पर मैग्नेटिक फील्ड ज्यादा सक्रिय है, जिस कारण इसका वातावरण अन्य किसी स्थान के वातावरण से अलग प्रतीत होता है और यही इसकी चढ़ाई को और भी मुश्किल बना देता है।

    अब तक किसने की है चढ़ाई

    माना जाता है कि 11वीं सदी में एक तिब्बती बौद्ध योगी मिलारेपा ही कैलाश पर्वत की चढ़ाई करने में सफल हुए हैं। वह ऐसा करने वाले विश्व के एकमात्र व्यक्ति माने गए हैं, जो कैलाश पर चढ़ाई करने के बाद जीवित वापिस लौट सके। वहीं जैन धर्म के अनुयायियों का मानना है कि कैलाश पर्वत पर ही उनके पहले तीर्थंकर ऋषभनाथ को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वहीं, दूसरी ओर बौद्ध धर्म के अनुयायी यह मानते हैं कि कैलाश पर्वत के शिखर पर ही बुद्ध का निवास है। जो इस बात को दर्शाता है कि कई धर्मों का संबंध कैलाश पर्वत से जुड़ा हुआ है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'