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लक्ष्य की प्राप्ति: लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में असफलताओं का नकारात्मक असर नहीं होना चाहिए

निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। प्रयास जितना प्रभावी होगा परिणाम उतना ही आपकी अपेक्षा के अनुरूप होगा। ऐसे में लक्ष्य को जितनी शीघ्रता से तय कर लिया जाए उतना ही बेहतर क्योंकि इससे उसकी प्राप्ति के प्रयास भी उतनी ही शीघ्रता से शुरू हो पाएंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 03:23 AM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 03:23 AM (IST)
लक्ष्य की प्राप्ति: लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में असफलताओं का नकारात्मक असर नहीं होना चाहिए
लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में असफलताओं का आप पर कोई नकारात्मक असर भी नहीं होना चाहिए।

स्वामी विवेकानंद अमेरिका के प्रवास पर थे। वहां भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा कि एक पुल के पास कुछ लड़के नदी में तैर रहे अंडों के छिलकों पर निशाना लगा रहे थे, लेकिन किसी का निशाना सही नहीं लग रहा था। यह देखकर स्वामीजी ने एक लड़के से बंदूक ली और खुद निशाना लगाने लगे। उन्होंने पहला निशाना लगाया। निशाना एकदम सटीक लगा। उसके बाद स्वामी विवेकानंद ने एक के बाद एक बारह निशाने लगाए। सभी एकदम सही लक्ष्य पर लगे। लड़कों ने उत्सुकतावश पूछा, ‘आपने यह कैसे किया?’ स्वामीजी ने उत्तर दिया कि यह सब ध्यान की शक्ति से संभव हुआ है। उन्होंने लड़कों को सीख दी कि हमेशा एकाग्रचित्त होकर केवल लक्ष्य पर ध्यान दो, तभी लक्ष्यभेद संभव है।

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प्रत्येक मनुष्य के जीवन का प्राय: एक निश्चित लक्ष्य होता है। फिर भी ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं, जिनका कोई लक्ष्य नहीं होता। ऐसे मनुष्य उस गेंदबाज की तरह होते हैं, जो गेंद तो लगातार फेंकते रहते हैं, लेकिन वह कभी लक्ष्य यानी विकेट पर नहीं लगती। वास्तव में लक्ष्य से विहीन होना उस बिना पता लिखे उस लिफाफे के समान हैं, जो कभी भी, कहीं भी नही पहुंच पाता। इसीलिए यदि लक्ष्य निर्धारित नहीं होता है तो परिणाम विपरीत होता है। इसीलिए सर्वप्रथम आपको अपना लक्ष्य चुनकर उसे पाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

अपने लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में असफलताओं का आप पर कोई नकारात्मक असर भी नहीं होना चाहिए। लक्ष्य प्राप्त करने में कितना समय लग रहा है, उससे विचलित होने की भी आवश्यकता नहीं। स्मरण रहे कि अच्छा भोजन भी वही होता है, जो धीमी आंच पर देर तक पके। इसीलिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। प्रयास जितना प्रभावी होगा परिणाम उतना ही आपकी अपेक्षा के अनुरूप होगा। ऐसे में लक्ष्य को जितनी शीघ्रता से तय कर लिया जाए उतना ही बेहतर, क्योंकि इससे उसकी प्राप्ति के प्रयास भी उतनी ही शीघ्रता से शुरू हो पाएंगे।

- नृपेंद्र अभिषेक नृप


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