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    Aaj Ka Panchang 31 August 2024: शनि प्रदोष व्रत पर दुर्लभ वरीयान योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें दैनिक पंचांग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sat, 31 Aug 2024 06:00 AM (IST)

    धार्मिक मत है कि शनि प्रदोष व्रत पर (Aaj Ka Panchang 31 August 2024) भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस शुभ अवसर पर न्याय के देवता शनिदेव की भी पूजा की जाती है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं।

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    Aaj Ka Panchang 31 August 2024: पढ़ें दैनिक पंचांग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 31 August 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, शनिवार 31 अगस्त यानी आज शनि प्रदोष व्रत है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव संग मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जा रही है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए शिव शक्ति के निमित्त व्रत रखा जा रहा है। पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो आज शनि प्रदोष व्रत पर वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

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    आज का पंचांग (Panchang 31 August 2024)

    शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 01 सितंबर को देर रात 03 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा का समय संध्याकाल 06 बजकर 43 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 59 मिनट तक है। इस दौरान साधक देवों के देव महादेव भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।

    वरीयान योग

    भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी शनि प्रदोष व्रत पर वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग संध्याकाल 05 बजकर 39 मिनट तक है। इस समय में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाएंगे। इसके साथ ही गर और वणिज करण का भी संयोग बन रहा है। इसके अलावा, पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 59 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 43 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 04 बजकर 08 मिनट पर (1 सितंबर)

    चंद्रास्त- शाम 05 बजकर 25 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 43 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहु काल - सुबह 09 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 05 बजकर 59 मिनट से 07 बजकर 34 मिनट तक

    दिशा शूल - पूर्व

    ताराबल

    अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती  

    चन्द्रबल

    वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।