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    Aaj Ka Panchang 30 November 2024: नोट करें शनिवार का शुभ मुहूर्त और पढ़ें दैनिक पंचांग

    Updated: Sat, 30 Nov 2024 08:00 AM (IST)

    आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि सुबह 10 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 30 November 2024) और राहुकाल का समय जानते हैं।

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    Aaj Ka Panchang 30 November 2024: आज का पंचांग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Month Aaj Ka Panchang 30 November 2024: आज शनिवार का दिन है। यह दिन पूर्ण रूप से भगवान शनि को समर्पित है। ऐसा कहा जाता कि जो भक्त इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन (Saturday Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -

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    Aaj Ka Panchang 30 November 2024: आज का पंचांग -

    पंचांग के अनुसार, आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि सुबह 10 बजकर 29 मिनट तक रहेगी।

    ऋतु - शरद

    चन्द्र राशि - वृश्चिक

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 49 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 19 मिनट पर

    चन्द्रास्त - दोपहर 04 बजकर 37 मिनट पर

    शुभ मुहूर्त

    अभिजित मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 08 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 48 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक।

    अशुभ समय

    राहु काल - सुबह 09 बजकर 26 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 07 बजकर 01 मिनट से 08 बजकर 24 मिनट तक।

    दिशा शूल - पूर्व

    ताराबल

    भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती।

    चन्द्रबल

    वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुंभ।

    शनि देव पूजन मंत्र

    1. ॐ शं शनैश्चराय नमः।।

    2. ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।।

    3. ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।