Aaj ka Panchang 28 Nov 2023: आज मार्गशीर्ष महीने के पहले दिन द्विपुष्कर योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें पंचांग
Aaj ka Panchang 28 November 2023 मंगलवार के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा की जाती है। ज्योतिष भी मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। इस शुभ अवसर पर द्विपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में शुभ काम कर सकते हैं। आइए पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग और राहुकाल का समय जानते हैं-

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 28 November 2023: ज्योतिषयों की दृष्टि से आज का दिन बेहद शुभ है। आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा है। यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर द्विपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही सिद्ध और साध्य योग का भी योग बन रहा है। आइए, पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग और राहुकाल का समय जानते हैं-
योग
आज मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा और द्वितीया तिथि है। पंचांग के अनुसार, प्रतिपदा तिथि दोपहर 02 बजकर 05 मिनट तक है। इसके बाद द्वितीया तिथि है। इस शुभ अवसर पर सिद्ध और साध्य योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही द्विपुष्कर योग भी है। इसके अलावा, कौलव और तैतिल करण का भी योग बन रहा है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 54 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 17 बजकर 24 मिनट पर
चंद्रोदय- शाम 06 बजकर 02 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 07 बजकर 47 मिनट पर
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त - 05 बजकर 06 मिनट से 06 बजे तक...
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक
अशुभ समय
राहुकाल - दोपहर 02 बजकर 46 मिनट से 04 बजकर 05 मिनट तक
गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 28 मिनट तक
दुष्टमुहूर्त- सुबह 08 बजकर 59 मिनट से 09 बजकर 41 मिनट तक
कंटक- सुबह 07 बजकर 35 मिनट से 098 बजकर 17 मिनट तक
यमघण्ट - सुबह 10 बजकर 23 मिनट से 11 बजकर 05 मिनट तक
कुलिक- दोपहर 01 बजकर 11 मिनट से 01 बजकर 53 मिनट तक
कालवेला या अर्द्धयाम- सुबह 08 बजकर 59 मिनट से 09 बजकर 41 मिनट तक
यमगण्ड- सुबह 09 बजकर 31 मिनट से 10 बजकर 50 मिनट तक
दिशा शूल - उत्तर
ताराबल
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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