Aaj ka Panchang 26 May 2025: वट सावित्री व्रत के दिन बन रहे कई शुभ-अशुभ योग, पंचांग से जानें मुहूर्त
ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि और सोमवार का दिन है। आज वट सावित्री व्रत महिलाओं द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही आज दोपहर बाद अमावस्या की तिथि लगने के कारण मासिक कार्तिगाई अमावस्या भी मनाई जाएगी। चलिए पंडित आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का पंचांग।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 26 मई सोमवार के दिन ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। आज के दिन वट सावित्री का व्रत भी रखा जाएगा। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री का व्रत करती हैं।
इस दौरान सावित्री और सत्यवान की कथा कही जाती है, जिसमें सावित्री अपने अल्पायु पति सत्यवान का जीवनदान यमराज से मांग लेती हैं। अतः अखंड सौभाग्य के लिए अमावस्या पर यह व्रत नियमपूर्वक महिलाओं को करना चाहिए। दोपहर में वट वृक्ष की पूजा करके प्रसाद, धूप, दीप अर्पण कर पति की दीर्घायु की कामना करनी चाहिए।
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 26 मई को दोपहर 12:11 बजे तक रहेगी। इसके बाद अमावस्या की तिथि लग जाएगी। इसके समय के बाद ही वट सावित्री के व्रत की पूजा करनी चाहिए।
पंचांग के अनुसार, इस तिथि पर बहुत से शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 26 May 2025) पंचांग।
आज का पंचांग (Panchang 26 May 2025)
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की तिथि- चतुर्दशी दोपहर 12:11 बजे तक, फिर अमावस्या।
संवत् - 2082
नक्षत्र - भरणी
योग - शोभन प्रात: 07:02 बजे तक, अतिगंड प्रातः 02:55 बजे तक, 27 मई
करण- शकुनि दोपहर 12:11 बजे तक, चतुष्पद रात्रि 10:21 बजे तक
वार - सोमवार
ऋतु - ग्रीष्म
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय- सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर
- सूर्यास्त- शाम 7 बजकर 11 मिनट पर
- चंद्रोदय- सुबह 05 बजकर 05 मिनट पर, 27 मई
- चंद्रास्त- शाम 06 बजकर 35 मिनट पर, 26 मई
शुभ समय
अभिजीत मुहूर्त - प्रात: 11:51 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक
अशुभ समय
- राहुकाल - प्रात: 07:09 बजे से प्रात: 08:52 बजे तक
- गुलिक काल - दोपहर 02:02 बजे से दोपहर 03:45 बजे तक
- यमगंडा - प्रात: 10:35 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक
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आज के नक्षत्र के बारे में जानिए
आज चंद्रदेव भरणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। भरणी नक्षत्र प्रात: 08:23 बजे तक रहेगा। इसके बाद कृतिका नक्षत्र लग जाएगा।
सामान्य विशेषताएं: इस नक्षत्र में जन्मे जातक गंभीर, अनुशासित, मेहनती, बुराई से निपटने में सक्षम, नकारात्मक, नियंत्रण रखने वाले होते हैं।
नक्षत्र स्वामी: शुक्र
राशि स्वामी: मंगल
देवता: यम
प्रतीक: योनि (महिला प्रजनन अंग)
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