Aaj ka Panchang 26 January 2025: इस मुहूर्त में करें षटतिला एकादशी व्रत का पारण, पढ़ें दैनिक पंचांग
आज यानी 26 जनवरी को षटतिला एकादशी व्रत पारण किया जा रहा है। षटतिला एकादशी व्रत का पारण करने के बाद दान करें। मान्यता है कि दान करने से शुभ फल की प्राप ...और पढ़ें

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माघ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि आज यानी 26 जनवरी को है। इस तिथि पर षटतिला एकादशी व्रत का पारण किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता है कि षटतिला एकादशी व्रत का पारण न करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। द्वादशी तिथि पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।
आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 26 January 2025)
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 55 मिनट पर
चन्द्रोदय- 27 जनवरी को सुबह 05 बजकर 29 मिनट तक
चंद्रास्त- दोपहर 02 बजकर 37 मिनट पर
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षटतिला एकादशी 2025 व्रत पारण का टाइम (Shattila Ekadashi 2025 Vrat Paran Time)
एकादशी व्रत पारण का द्वादशी तिथि पर करने का विधान है। पंचांग के अनुसार, षटतिला एकादशी का व्रत पारण का समय 26 जनवरी को सुबह 07 बजकर 12 मिनट से लेकर 09 बजकर 21 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त के दौरान एकादशी का व्रत पारण किया जा सकता है।
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वार - रविवार
ऋतु - शिशिर
शुभ समय (Today Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 21 मिनट से 03 बजकर 04 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 53 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 07 मिनट से 01 बजे तक
अशुभ समय
राहुकाल - दोपहर 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 55 मिनट तक
गुलिक काल - दोपहर 03 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 35 मिनट तक
दिशा शूल - पश्चिम
नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल - अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती
राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ
पूजा के दौरान करें इन मंत्रों का जप
- ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:
- ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा
- ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
- ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नम
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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