Aaj Ka Panchang 22 Feb 2025: मांगलिक काम की शुरुआत से पहले नोट करें शुभ मुहूर्त, पढ़ें पंचांग
पंचांग के अनुसार आज माघ महीने के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 22 February 2025) और राहुकाल का समय जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj Ka Panchang 22 February 2025: आज शनिवार का दिन है। यह दिन पूर्ण रूप से भगवान शनि को समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें बुद्धि, ज्ञान, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन ( 22 February Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -
Aaj Ka Panchang 22 February 2025: आज का पंचांग -
पंचांग के अनुसार, आज माघ महीने के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक रहेगी।
ऋतु - वसंत
चन्द्र राशि - वृश्चिक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 55 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 13 मिनट पर
चन्द्रोदय - सुबह 03 बजकर 19 मिनट पर
चन्द्रास्त - दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त - 05 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 03 मिनट तक
अमृत काल - सुबह 08 बजकर 13 मिनट से 09 बजकर 56 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से 03 बजकर 14 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 39 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक।
अशुभ समय
राहु काल - सुबह 09 बजकर 46 मिनट से शाम 11 बजकर 13 मिनट तक
गुलिक काल - सुबह 06 बजकर 58 मिनट से 08 बजकर 23 मिनट तक।
दिशा शूल - पूर्व
ताराबल
अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती।
चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुंभ।
शनि देव पूजन मंत्र
1. अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।
2. ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
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