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    Aaj ka Panchang 20 may 2025: मंगलवार को कालाष्टमी पर बन रहे हैं कई शुभ-अशुभ योग, पंचांग से जानें मुहूर्त

    Updated: Tue, 20 May 2025 09:04 AM (IST)

    ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि और मंगलवार का दिन है। आज के दिन कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इसके साथ ही आज ज्येष्ठ का दूसरा बड़ा मंगलवार यानी बुढ़वा मंगलवार भी मनाया जाएगा। ऐसे में चलिए पंडित आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का पंचांग।

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    Aaj ka Panchang 20 May 2025: आज बन रहे हैं कई शुभ-अशुभ योग।

    आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 20 मई मंगलवार के दिन ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। पंचांग के अनुसार, इस तिथि पर बहुत से शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए पंडित आनंद सागर पाठक जी से जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 20 may 2025) पंचांग।

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    आज का पंचांग (Panchang 20 may 2025)

    ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की तिथि- सप्तमी प्रात: 05:51 तक, अष्टमी 21 मई को प्रात: 04:55 तक

    संवत् - 2082

    नक्षत्र - धनिष्ठा

    योग - इंद्र प्रात: 02:50 बजे तक, 21 मई

    करण - बव प्रात: 05:51 बजे तक, बालव शाम 05:28 बजे तक

    वार - मंगलवार

    ऋतु - ग्रीष्म

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    • सूर्योदय- सुबह 5 बजकर 28 मिनट पर
    • सूर्यास्त- शाम 7 बजकर 08 मिनट पर
    • चंद्रोदय- 01 बजकर 19 मिनट, 21 मई
    • चंद्रास्त- 11 बजकर 54 मिनट

    शुभ समय

    अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:50 से दोपहर 12:45 तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - दोपहर 03:43 बजे से शाम 05:25 तक

    गुलिक काल - दोपहर 12:18 से दोपहर 02:00 बजे तक

    यमगंडा - प्रात: 08:53 से प्रात: 10:35 बजे तक

    आज के नक्षत्र के बारे में जानिए

    आज चंद्रदेव धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। धनिष्ठ नक्षत्र: शाम 07:32 बजे तक रहेगा।

    सामान्य विशेषताएं: इस नक्षत्र में जन्मे जातक आत्मविश्वास, वीरता, युद्ध कौशल, धैर्य, सौंदर्य, उदार सोच, संगीत प्रेमी होते हैं।

    नक्षत्र स्वामी: मंगल

    राशि स्वामी: शनि

    देवता: आठ वसु (भौतिक समृद्धि के देवता)

    प्रतीक: ढोल या बांसुरी

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    अशुभ समय खंड की सरल समझ

    वैदिक ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक दिन को कुछ विशेष समय खंडों में बांटा गया है, जिनमें से कुछ को नए अथवा महत्वपूर्ण कार्य आरंभ करने के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है।

    राहु काल- यह समय राहु देव से संबंध रखता है। इसे भ्रम, अनिश्चितता और अप्रत्याशित परिणामों से जुड़ा माना जाता है। आमतौर पर इस काल में यात्रा, निवेश, या नए कार्य की शुरुआत न करने की हिदायत है। ध्यान, साधना और आत्मचिंतन के लिए यह समय उपयुक्त है।

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    यम गंड- यह समय यम देव से जुड़ा होता है, जो अनुशासन और नियति का प्रतीक हैं। यम गंड में भी महत्वपूर्ण कार्य या यात्रा आरंभ करने से बचने की सलाह दी जाती है। यह काल आत्मनियंत्रण और संयम के लिए उपयुक्त माना गया है।

    गुलिक काल- यह काल शनि देव के पुत्र गुलिक से संबंधित है। यह समय कुछ परंपराओं में निरपेक्ष या मध्यम रूप से शुभ माना गया है। कई ग्रंथों में तो इसे दीर्घकालिक कार्यों या आध्यात्मिक अभ्यास के लिए अच्छा बताया गया है।

    यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है। सुझाव और प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।