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    Aaj ka Panchang 20 March 2025: चैत्र गुरुवार पर 'सर्वार्थ सिद्धि योग' समेत बन रहे हैं कई संयोग, पढ़ें पंचांग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 20 Mar 2025 08:13 AM (IST)

    धार्मिक मत है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्रती की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा से धन संबंधी परेशानी भी दूर होती है। गुरुवार के दिन विष्णु जी और बृहस्पति देव की पूजा करने से कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होता है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 20 March 2025) जानते हैं-

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    Aaj ka Panchang 20 March 2025: पढ़ें दैनिक पंचांग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी गुरुवार 20 मार्च को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी है। गुरुवार का दिन जग के नाथ भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर सुबह से मंदिरों में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जा रही है। साथ ही व्रती (महिलाएं) मनोवांछित फल पाने के लिए गुरुवार का व्रत रख रही हैं। इस व्रत को करने से मनचाही मुराद पूरी होती है। इसके साथ ही करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है।

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    चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इस योग में विष्णु जी की पूजा करने से साधक के आय, आयु, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) जानते हैं।

    आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 20 March 2025)

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 32 मिनट पर

    चन्द्रोदय- देर रात 12 बजकर 07 मिनट पर (21 मार्च)

    चन्द्रास्त- सुबह 09 बजकर 32 मिनट पर

    शुभ समय

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 50 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 30 मिनट से 06 बजकर 54 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - देर रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - सुबह 02 बजे से लेकर 3 बजकर 31 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 58 मिनट तक

    दिशा शूल - दक्षिण

    ताराबल 

    अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

    चन्द्रबल

    वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ

    शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अनुराधा नक्षत्र का भी संयोग है। इन योग में भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा करने से मनचाहा वरदान मिलेगा। साथ ही हर शुभ काम में सफलता मिलेगी।

    इन मंत्रो का करें जप

    1. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

    विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।

    लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

    वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

    2. ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

    अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

    त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

    श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

    3. ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||

    ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||

    4. ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरु कांचन संन्निभम्।

    बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।

    5. ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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