Aaj ka Panchang 20 January 2025: माघ सोमवार पर 'भद्रावास' समेत बन रहे हैं 5 संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग
धार्मिक मत है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलता है। साथ ही कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 20 January 2025) जानते हैं-

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी सोमवार 20 जनवरी को माघ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर साधक अपने घरों पर स्नान-ध्यान के बाद विधिवत भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए सोमवार का व्रत रख रहे हैं। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
माघ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है। इस योग में शिव परिवार की पूजा करने से साधक पर भगवान शिव की कृपा बरसेगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं। आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।
आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 20 January 2025)
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 51 मिनट पर
चंद्रोदय- रात 11 बजकर 48 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 18 मिनट से 03 बजकर 01 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 48 मिनट से 06 बजकर 15 मिनट तक
अशुभ समय
राहुकाल - सुबह 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 53 मिनट तक
गुलिक काल - सुबह 01 बजकर 52 मिनट से 03 बजकर 11 मिनट तक
दिशा शूल - पूर्व
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो माघ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर सुकर्मा और शिववास योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही हस्त और चित्रा नक्षत्र का भी संयोग है। वहीं, वणिज करण के शुभ संयोग हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी।
इन मंत्रो का करें जप
1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
3. ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
4. करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥
5. शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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