Aaj ka Panchang 16 Nov 2023: आज विनायक चतुर्थी तिथि पर 'धृति' योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें पंचांग और राहुकाल
Aaj ka Panchang 16 November 2023 सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही आज विनायक चतुर्थी है। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर सुकर्मा योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 16 November 2023: आज विनायक चतुर्थी है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास भी रखा जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में गणेश जी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आइए,पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग और राहुकाल का समय जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 17 नवंबर को सुबह 11 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी। विनायक चतुर्थी पर चंद्र दर्शन करने का विधान है। अत: आज विनायक चतुर्थी मनाई जा रही है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 44 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 17 बजकर 27 मिनट पर
चंद्रोदय- सुबह 09 बजकर 40 मिनट पर
चंद्रास्त- दोपहर 07 बजकर 48 मिनट पर
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 58 मिनट से 05 बजकर 51 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 54 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल - दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से 02 बजकर 46 मिनट तक
गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 25 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक
दुष्टमुहूर्त- सुबह 10 बजकर 48 मिनट से 11 बजकर 01 मिनट तक
कंटक- दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक
यमघण्ट - सुबह 07 बजकर 26 मिनट से 08 बजकर 09 मिनट तक
कुलिक- सुबह 10 बजकर 48 मिनट से 11 बजकर 01 मिनट तक
कालवेला या अर्द्धयाम- शाम 04 बजकर 01 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक
यमगण्ड- सुबह 06 बजकर 44 मिनट से 08 बजकर 44 मिनट तक
दिशा शूल - दक्षिण
ताराबल
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुंभ, मीन
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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