Aaj Ka Panchang 16 March 2025: आज है होली भाई दूज, नोट करें शुभ मुहूर्त और पढ़ें दैनिक पंचांग
पंचांग के अनुसार आज फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि शाम 05 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 16 March 2025) और राहुकाल का समय जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj Ka Panchang Holi Bhai Dooj 2025: आज होली भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन यम देव और उनकी बहन देवी यमुना को समर्पित है। ऐसा कहा जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ उनकी पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन (Holi Bhai Dooj 2025 Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -
Aaj Ka Panchang 16 March 2025: आज का पंचांग -
पंचांग के अनुसार, आज फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि शाम 05 बजकर 05 मिनट तक रहेगी।
ऋतु - वसंत
चन्द्र राशि - कन्या
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 31 मिनट पर
चन्द्रोदय - रात 08 बजकर 25 मिनट पर
चन्द्रास्त - सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
द्विपुष्कर योग - सुबह 11 बजकर 45 मिनट से शाम 04 बजकर 58 मिनट तक
अमृत सिद्धि योग - सुबह 06 बजकर 30 मिनट से 11 बजकर 45 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 06 बजकर 30 मिनट से 11 बजकर 45 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक
विजय मुहूर्त - 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 28 मिनट से 06 बजकर 52 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक।
अशुभ समय
राहु काल - शाम 05 बजे से 06 बजकर 31 मिनट तक
गुलिक काल - दोपहर 03 बजकर 28 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक।
दिशा शूल - पश्चिम
ताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद।
चन्द्रबल
मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन।
पूजा मंत्र (Puja Mantra)
1. यमस्वसर्नमस्तेऽसु यमुने लोकपूजिते। वरदा भव मे नित्यं सूर्यपुत्रि नमोऽस्तु ते॥
2. ॐ नमो भगवत्यै कलिन्दनन्दिन्यै सूर्यकन्यकायै यमभगिन्यै श्रीकृष्णप्रियायै यूथीभूतायै स्वाहा॥
3. धर्मराज नमस्तुभ्यं नमस्ते यमुनाग्रज। पाहि मां किंकरैः सार्धं सूर्यपुत्र नमोऽस्तु ते॥
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