Aaj Ka Panchang 15 August 2024: स्वतंत्रता दिवस पर 'रवि' योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें दैनिक पंचांग
सनातन धर्म में गुरुवार के दिन (Aaj Ka Panchang 15 August 2024) भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए गुरुवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 15 August 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 अगस्त यानी आज सावन महीने का अंतिम गुरुवार है। आज के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो सावन के अंतिम गुरुवार पर दुर्लभ रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
आज का पंचांग (Panchang 15 August 2024)
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि आज 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट तक है। इसके बाद एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी। इसके चलते देश के कई हिस्सों में आज ही पुत्रदा एकादशी मनाई जा रही है। वहीं, उत्तर भारत में पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त को मनाई जाएगी।
रवि योग
सावन माह के अंतिम गुरुवार पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 50 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन दोपहर 12 बजकर 53 मिनट पर हो रहा है। इस योग में भगवान भास्कर की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आज गर और वणिज करण के भी संयोग बन रहे हैं। साथ ही ज्येष्ठा नक्षत्र दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक है।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 50 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 07 बजे...
चन्द्रोदय- दोपहर 03 बजकर 33 मिनट पर
चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 39 मिनट पर ( 16 अगस्त)
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 07 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजे से 07 बजकर 22 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल - दोपहर 02 बजकर 04 मिनट से 03 बजकर 43 मिनट तक
गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 08 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक
दिशा शूल - दक्षिण
ताराबल
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुंभ
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।