Aaj Ka Panchang 11 April 2025: वैभव लक्ष्मी व्रत आज, जानें शुभ योग, पूजा मुहूर्त और पढ़ें दैनिक पंचांग
पंचांग के अनुसार आज चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि भोर 03 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 11 April 2025) और राहुकाल का समय जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj Ka Panchang 11 April 2025: आज शुक्रवार का दिन है। यह दिन पूर्ण रूप से मां वैभव लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं और व्रत रखते हैं, उन्हें बुद्धि, ज्ञान, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन (11 April 2025 Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -
Aaj Ka Panchang 11 April 2025: आज का पंचांग -
पंचांग के अनुसार, आज चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि भोर 03 बजकर 30 मिनट तक रहेगी।
ऋतु - वसंत
चन्द्र राशि - कन्या
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 46 मिनट पर
चन्द्रोदय - शाम 50 बजकर 31 मिनट पर
चन्द्रास्त - सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
रवि योग - सुबह 06 बजे से दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 15 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 43 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक।
अशुभ समय
राहु काल - सुबह 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक
गुलिक काल - सुबह 07 बजकर 42 मिनट से 09 बजकर 13 मिनट तक।
दिशा शूल - पश्चिम
ताराबल
भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती।
चन्द्रबल
मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन।
करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः।।
- ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
- ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ।।
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