Aaj Ka Panchang 1 December 2024: मार्गशीर्ष अमावस्या आज, नोट करें शुभ मुहूर्त और पढ़ें दैनिक पंचांग
आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 1 December 2024) और राहुकाल का समय जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Amavasya Aaj Ka Panchang 1 December 2024: आज मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जा रही है। यह दिन पूर्ण रूप से पितृ देव को समर्पित है। ऐसा माना जाता कि इस दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन (Margashirsha Amavasya Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -
Margashirsha Amavasya Aaj Ka Panchang 1 December 2024: आज का पंचांग -
पंचांग के अनुसार, आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक रहेगी।
ऋतु - शरद
चन्द्र राशि - वृश्चिक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 55 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 26 मिनट पर
चन्द्रोदय - 07 बजे
चन्द्रास्त - शाम 05 बजकर 09 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 08 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 37 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 53 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक।
अशुभ समय
राहु काल - 04 बजकर 10 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक
गुलिक काल - दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 04 बजकर 14 मिनट तक।
दिशा शूल - पश्चिम
ताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती।
चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुंभ।
मार्गशीर्ष अमावस्या मंत्र
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।।
- ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः।।
- ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात।।
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