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    5 Measures of Ketu: केतु ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए करें ये 5 उपाय, दूर होंगे सभी कष्ट

    By Jeetesh KumarEdited By:
    Updated: Tue, 21 Dec 2021 07:36 AM (IST)

    5 Measures of Ketu ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ये ग्रह कुण्डली में गलत स्थान पर होने की स्थिति में जीवन में सकंट उत्पन्न करने लगते हैं। आइए जानते हैं कि कुण्डली में केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या करना चाहिए....

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    5 Measures of Ketu: केतु ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए करें ये 5 उपाय, दूर होंगे सभी कष्ट

    5 Measures of Ketu: भारतीय ज्योतिषशास्त्र में नवग्रह में राहु और केतु की भी गणना की जाती है। इन दोनों ग्रहों को अशुभ प्रभाव का ग्रह माना जाता है। समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के अनुसार ये दोनों ग्रह वस्तुतः एक ही राक्षस के दो हिस्से हैं। रूप बदल कर देवताओं की पक्तिं में अमृत पीने के कारण भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन से राक्षस का सर और धड़ अलग कर दिया था। जिसमें से सिर का हिस्सा राहु और धड़ का हिस्सा केतु कहलाया। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ये ग्रह कुण्डली में गलत स्थान पर होने की स्थिति में जीवन में सकंट उत्पन्न करने लगते हैं। आइए जानते हैं कि कुण्डली में केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या करना चाहिए....

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    1-केतु के बुरे और नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए भगवान गणेश की पूजा करना सबसे आसान उपाय है। गणेश जी को केतु का कारक देवता माना गया है। बुधवार के दिन गणेश पूजन करने तथा अथर्वास्तोत्र का पाठ पढ़ने से केतु के दुष्प्रभाव को दूर किया जा सकता है।

    2- केतु ग्रह के संकट को दूर करने के लिए काले रंग की गाय का दान करना भी एक उपाय है। लेकिन आर्थिक और सुविधा की दृष्टि से मुश्किल होने पर काली गाय के चारा खिलाने और उसकी सेवा करने से भी ये संकट दूर हो सकता है।

    3- केतु से मुक्ति के लिए गरीब, असहाय, अपंग व्यक्तियों को भोजन, धन आदि का दान करना चाहिए। कभी भी भूलकर उनका अपमान न करें और यथा संभव उनकी मदद करें केतु का दुष्प्रभाव समाप्त होता है।

    4- काले-सफेद कुत्ते को नियमिततौर पर अपने भोजन का कुछ हिस्सा खाने को दें। यदि यह संभव न हो तो काल और सफेद तिल बहते हुए जल में प्रवाहित करें। ऐसा करने से केतु का दुष्प्रभाव जाता रहता है।

    5- कुंडली में व्याप्त केतु की अशुभता को दूर करने के लिए केतु बीज मंत्र का जाप करना चाहिए। केतु का एकाक्षरी बीज मंत्र...

    'ॐ कें केतवे नमः॥'

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'