आशाएं जीवन का शुभ लक्षण हैं
जैसे सारा वनस्पति जगत सूर्य से प्रेरणा पाता है इसी तरह से मनुष्य में आाशाएं ही पूर्ण शक्ति का संचार करती हैं। मनुष्य की प्रत्येक उन्नति तथा जीवन लक्ष् ...और पढ़ें

जैसे सारा वनस्पति जगत सूर्य से प्रेरणा पाता है इसी तरह से मनुष्य में आाशाएं ही पूर्ण शक्ति का संचार करती हैं। मनुष्य की प्रत्येक उन्नति तथा जीवन लक्ष्य की प्राप्ति का संचार आशाओं द्वारा होता है। आशाएं न होतीं तो यह संसार आशाओं से नीरस, गमगीन ही दिखाई देता। मनुष्य में निराशा से बढ़कर कोई भी पाप नहीं है, इसलिए इसका समूल नाश करके आशावादी बनना चाहिए। मनुष्य को संसार में आने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए आशावाद का आश्रय लेना चाहिए। देखा जाए तो संसार के सारे कार्य आशाओं पर चलते हैं। छात्र अपना समय धन लगाकर दिन व रात श्रमपूर्वक अध्ययन में लगा रहता है कि उसे सफलता मिलेगी और उद्देश्य की पूर्ति होगी। किसान व मजदूर खेत व खलिहान में इसी आशा से कार्य करते हैं कि उन्हें लाभ होगा और यह सब करने में उनके मूल में कोई न कोई आशा ही क्रियाशील होती है। आशाएं जीवन का शुभ लक्षण हैं और आशा के सहारे मनुष्य बड़ी से बड़ी मुसीबतों को सह जाता है।
आशावादी अपने भाग्य का निर्माण स्वयं करते हैं और इस तरह के लोग कभी भी दूसरों के सामने हाथ नहीं बढ़ाते हैं, बल्कि औरों के जीवन को भी खुशहाल बनाने में मददगार साबित होते हैं। चरित्रवान व्यक्ति कभी भी निराश नहीं होते हैं। वे हर क्षण लड़कर अपना अभीष्ट पा लेते हैं। प्रतिभाशाली व्यक्तियों को निराशा के क्षणों में भी आशा का प्रकाश दिखाई देता है और यदि सत्यवादी हरिश्चन्द्र गुरु दक्षिणा देने में या दान देने में निराश हो जाते तो उन्हें आज कौन जानता। इसी तरह से अपने अपने कार्यो के लिए हमेशा के लिए अमर हो गए। जहां पर आशा नहीं वहां पर प्रयत्न नहीं और बिना प्रयत्न के कोई भी ध्येय की प्राप्ति न कर सका है और न कर सकेगा। इसलिए निराशा को मनुष्य का दुश्मन माना जाता है। आशावान बनकर प्रयास करें और सफलता के शिखर को प्राप्त करें।
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