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    भाद्रपद में गणेश जी की पूजा के लिए याद रखें ये 12 नाम

    By Molly SethEdited By:
    Updated: Tue, 04 Sep 2018 04:33 PM (IST)

    पंडित दीपक पांडे के अनुसार भाद्रपद को एक शुभ माह नहीं माना जाता था, इसीलिए भगवान कृष्ण आैर गणेश जी ने इस माह में अपनी पूजा का विधान बनाया।

    भाद्रपद में गणेश जी की पूजा के लिए याद रखें ये 12 नाम

    भाद्रपद में विशेष है गणेश पूजा

    किसी समय में भाद्रपद माह को शुभ कार्यों के लिए उत्तम माह नहीं माना जाता था। इसीलिए आज भी इस महीने में शादी विवाह आैर ग्रहप्रवेश जैसे कार्य करना वर्जित माना जाता है। इसी के चलते भगवान श्री कृष्ण ने इस माह में अवतार लेकर जन्माष्टमी के साथ इस माह को श्रेष्ठ बनाया आैर तब से जन्माष्टमी अबूझ दिन बनाया। इसी तरह भगवान गणेश विशेष दिन इसी माह चतुर्थी से शुरू होकर 10 दिन तक चलते हैं। गणेश चतुर्थी से पूर्व पड़ रहे बुधवार को श्री गणेश की उनके 12 नामों के साथ पूजा करने से विशेष शुभ फल प्प्त होते हैं। 

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    जानें प्रथम पूज्य गणपति

    श्री गणेश शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन डिंक नामक मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनको गणपति भी कहते हैं। ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी कहे जाते हैं। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेश जी को हिन्दू शास्त्रों के अनुसार किसी भी कार्य के लिये प्रथम पूज्य माना जाता है। इसलिए इन्हें आदिपूज्य भी कहते है। गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपतेय कहलाते है।

    गणपति के शुभ फलदायी नाम

    बुधवार को गणेश जी की पूजा की जाती है इस दिन उनके विशेष नामों का जाप करने से होता है विशिष्‍ट लाभ। गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन उनमे से 12 नाम प्रमुख हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश,विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र और गजानन। इन सभी द्वादश नामों का नारद पुराण में पहली बार गणेश की द्वादश नामवलि में जिक्र आया है। विद्या आरंम्भ और विवाह के पूजन के प्रारंभ में इन नामो से गणपति के आराधना का विधान है।

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