पुत्रों के नाम के जाप से प्रसन्न होती हैं लक्ष्मी, शुक्रवार को इनके जाप के साथ ऐसे करें पूजा
शुक्रवार के दिन देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा हो सकती है जैसे मता लक्ष्मी। इस दिन इनके 18 पुत्रों के नाम का ॐ और नम के साथ जाप करें।
शुक्रवार को विशेष है लक्ष्मी पूजन
शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी का खास दिन है। इस दिन तंत्र शास्त्र के अनुसार कुछ साधारण मगर सटीक उपाय करने से देवी अपने भक्त पर जल्दी ही प्रसन्न हो जाती हैं। इसलिए शुक्रवार को दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। साथ ही पीले कपड़े में पांच लक्ष्मी (पीली) कौड़ी और थोड़ी सी केसर, चांदी के सिक्के के साथ बांधकर धन के स्थान पर रखें। कुछ ही दिनों में इसका प्रभाव दिखाई देने लगेगा। इस दिन 3 कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं तथा पीला वस्त्र व दक्षिणा प्रदान करें। इन उपायों को करने से मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त शुक्रवार के दिन श्रीयंत्र का गाय के दूध के अभिषेक करें और अभिषेक का जल पूरे घर में छिंड़कें। अब श्रीयंत्र को कमलगट्टे के साथ धन स्थान पर रख दें, कहते हैं ऐसा करने से इससे धन लाभ होता है।
शुक्र ग्रह को करें मजबूत
शुक्रवार के दिन लक्ष्मी जी की पूजा एवम् व्रत करने से माना जाता है कि शुक्र ग्रह मजबूत होता है। इस दिन व्रत करने से मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। जिनकी जन्म कुंडली में शुक्र अपनी दशा में अशुभ फल दे रहा है, उनके लिए ये व्रत पूजा अत्यधिक लाभकारी साबित होती है। कुछ खास उपायों को करने माता लक्ष्मी प्रसन्न हो कर कष्ट निवारण का आर्शिवाद देती हैं। जैसे इस दिन शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलायें। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें साथ ही थोड़ी सी केसर भी डाल दें। शुक्रवार को दान का भी अत्यंत महत्व है। अत: इस दिन सफेद रंग की वस्तु या खाद्य पदार्थ का दान करें और गाय की सेवा करें।
देवी के 18 पुत्रों के नाम का करें जाप
इस दिन देवी को प्रसन्न करके आर्शिवाद प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय है कि मां लक्ष्मी के 18 पुत्रों के नाम का जाप किया जाए। शास्त्रों के अनुसार भगवती लक्ष्मी के 18 पुत्र माने जाते हैं। शुक्रवार के दिन इनके नाम के आरंभ में ॐ और अंत में 'नम:' लगाकर जप करने से मनचाहे धन की प्राप्ति होती है। ये नाम वाले मंत्र इस प्रकार हैं 1. ॐ देवसखाय नम:, 2. ॐ चिक्लीताय नम:, 3. ॐ आनंदाय नम:, 4. ॐ कर्दमाय नम:, 5. ॐ श्रीप्रदाय नम:, 6. ॐ जातवेदाय नम:, 7. ॐ अनुरागाय नम:, 8. ॐ संवादाय नम:, 9. ॐ विजयाय नम:, 10. ॐ वल्लभाय नम:, 11. ॐ मदाय नम:, 12. ॐ हर्षाय नम:, 13. ॐ बलाय नम:, 14. ॐ तेजसे नम:, 15. ॐ दमकाय नम:, 16. ॐ सलिलाय नम:, 17. ॐ गुग्गुलाय नम:, 18. ॐ कुरूंटकाय नम: