Sawan Somvar Katha: जानें, क्यों सोमवार का दिन भगवान शिव को है समर्पित और क्या है इसकी कथा ?
Sawan Somvar Katha धार्मिक मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी प्रकार के सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से देवों के देव महादेव की पूजा-उपासना करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सोमवार का दिन क्यों भगवान शिव को समर्पित होता है ?

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Somvar Katha: सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन श्रद्धा भाव से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सोमवार का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी प्रकार के सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से देवों के देव महादेव की पूजा-उपासना करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सोमवार का दिन क्यों भगवान शिव को समर्पित होता है ? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
कथा
सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी। इनमें एक रत्न चन्द्रमा थे। चिरकाल में राजा दक्ष ने अपनी मुंहबोली बेटियों की शादी चंद्र देव से कर दी। उस समय चंद्र देव का व्यवहार सभी के साथ बेहद सौम्य, शांत और सुशील था। वक्त के साथ चंद्र देव के व्यवहार में बदलाव आ गया और चंद्र देव को रोहिणी को छोड़ सभी से विरक्ति होने लगी। यह जान चंद्र देव के अन्य धर्म पत्नियों को बेहद दुख हुआ। इस बात की उन्होंने अपने पिता राजा दक्ष से शिकायत की। उस समय चंद्र देव को राजा दक्ष ने सभी के साथ प्यार और स्नेह के साथ रहने की सलाह दी। हालांकि, आगे चलकर चंद्र देव के व्यवहार में पुनः बदलाव आ गया।
यह सुन राजा दक्ष ने चंद्रदेव को श्राप दे दिया कि उनका आकार और चमक क्षीण हो जाएंगे। राजा दक्ष के शाप से चंद्र देव का आकार घटने लगा। साथ ही चंद्रमा की रोशनी भी कम होने लगी। यह देख चंद्र व्याकुल हो उठे। उस समय चंद्र देव ब्रह्मा जी के पास पहुंचे। उन्होंने अपनी आपबीती ब्रह्मा जी से सुनाई। तब ब्रह्मा जी ने चंद्र देव को भगवान शिव की आराधना करने की सलाह दी। कालांतर में चंद्र देव ने देवों के देव महादेव की पूजा-उपासना की। भगवान शिव की कृपा से चंद्र की रोशनी बढ़ गई। भगवान शिव को सोमदेव भी कहा जाता है। अतः सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है।
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