Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vaishakh Amavasya 2023: आज है वैशाख अमावस्या, जानें, तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 20 Apr 2023 10:09 AM (IST)

    Vaishakh Amavasya 2023ज्योतिषियों की मानें तो अमावस्या की तिथि 19 अप्रैल को 11 बजे से शुरू होकर 20 अप्रैल को 9 बजकर 41 मिनट तक है। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 20 अप्रैल को वैशाख अमावस्या है।

    Hero Image
    Vaishakh Amavasya 2023: आज है वैशाख अमावस्या, जानें, तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Vaishakh Amavasya 2023: हिंदी पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन अमावस्या पड़ती है। इस प्रकार आज वैशाख अमावस्या है। धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करने और पूजा, जप, तप और दान करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है। इस दिन पितरों की भी पूजा करने का विधान है। अतः लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म भी करते हैं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और प्रसन्न होकर अपने उत्तराधिकारी को सुख, शांति, समृद्धि और वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। आइए, वैशाख अमावस्या की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुभ मुहूर्त

    ज्योतिषियों की मानें तो अमावस्या की तिथि 19 अप्रैल को 11 बजे से शुरू होकर 20 अप्रैल को 9 बजकर 41 मिनट तक है। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 20 अप्रैल को वैशाख अमावस्या है। इस दिन साधक सुबह 4 बजकर 23 मिनट से 11 बजकर 20 मिनट तक स्नान-ध्यान, पूजा, जप, तप और दान कर सकते हैं। शास्त्रों में उल्लेख है कि अमावस्या के दिन दान करने से साधक को अगले जन्म में भी पुण्य प्राप्त होता है।

    पूजा विधि

    इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर इष्ट देव को प्रणाम करें। इसके बाद घर की साफ-सफाई कर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद पूजा, जप, तप और दान करें। वे लोग जिनके पूर्वजों का पिंड दान नहीं हुआ है, वे इस दिन अपने पितरों को तर्पण कर सकते हैं। पूजा-पाठ के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं। इसके पश्चात जथा शक्ति तथा भक्ति भाव से दान दक्षिणा दें। विधि विधान से पूजा करने पर साधक पर भगवान विष्णु जी की कृपा बरसती है।

    डिस्क्लेमर-''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''