Vrishabh Sankranti 2023: सूर्य देव करने जा रहे हैं वृशभ राशि में ग्रह गोचर, संक्रांति के दिन करें ये उपाय
Vrishabh Sankranti 2023 सूर्य देव के राशि परिवर्तन को महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन पर स्नान-दान करने से विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Vrishabh Sankranti 2023: शास्त्रों में बताया गया है कि जब सूर्य देव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस क्रिया को संक्रांति नाम से जाना जाता है। जब सूर्य देव अपनी उच्च राशि मेष से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक रूप से पड़ता है।
हिंदू धर्म में वृषभ संक्रांति को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। वृषभ संक्रांति के शुभ अवसर पर सूर्य देव के साथ-साथ भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर स्नान-दान और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आइए जानते हैं, वृषभ संक्रांति शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और कुछ विशेष उपाय।
वृषभ संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष वृषभ संक्रांति 15 मई 2023, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन पुण्यकाल सुबह 05 बजकर 31 मिनट से सुबह 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगा और महा पुण्यकाल सुबह 09 बजकर 42 मिनट से सुबह 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन दोनों समय में पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और कुंडली में सूर्य प्रबल होते हैं।
वृषभ संक्रांति पूजा विधि
वृषभ संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और घर की सफाई करें। इसके बाद सूर्य देव को जल जरूर अर्पित करें। अर्घ्य देते समय मंत्र उच्चारण अवश्य करें। इसके बाद पितरों को तर्पण प्रदान करें और भगवान विष्णु एवं महादेव की पूजा विधि विधान से करें। घर के मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। शाम के समय आरती के बाद फलाहार ग्रहण करें। वृषभ संक्रांति के दिन जरूरतमंदों को जल, वस्त्र का दान करने से विशेष लाभ मिलता है।
वृषभ संक्रांति के दिन जरूर करें यह विशेष उपाय
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ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि वृषभ संक्रांति के दिन व्यक्ति को जमीन पर सोना चाहिए।
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इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन निश्चित रूप से करना चाहिए।
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इस विशेष दिन पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या जल का दान करने से विशेष लाभ मिलता है।
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संक्रांति के दिन पितरों को तर्पण और श्राद्ध कर्म प्रदान करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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