Vrishabh Sankranti 2023: वृषभ संक्रांति कल, जरूर करें इस कवच का पाठ
Vrishabh Sankranti 2023 कल ग्रहों के राजा सूर्य राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं जिसे वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाएगा। ज्योतिष दृष्टिकोण से भी वृषभ संक्रांति को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए पढ़ते हैं सूर्य कवच।

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Vrishabh Sankranti 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 मार्च 2023, सोमवार के दिन ग्रहों के राजा सूर्य राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। इस दिन सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे, जिस वजह से इसे वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाएगा। बता दें कि वृषभ संक्रांति के दिन सूर्य देव की विशेष उपासना करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आ रही कई परेशानियां दूर हो जाती है।
ज्योतिष दृष्टिकोण से भी वृषभ संक्रांति को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव से संबंधित कई उपाय बताए गए हैं। लेकिन देवताओं को प्रसन्न करने के लिए मंत्र उच्चारण का विशेष महत्व है, इसलिए सूर्य संक्रांति के दिन सूर्य कवच का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से ना केवल कुंडली में बल्कि जीवन में भी सूर्य की कृपा दृष्टि बनी रहेगी। आइए पढ़ते हैं प्रभावशाली सूर्य कवच।
वृषभ संक्रांति के दिन करें सूर्य कवच का पाठ
श्रणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्।
शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम् ।।1।।
देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम।
ध्यात्वा सहस्त्रं किरणं स्तोत्र मेततु दीरयेत् ।।2।।
शिरों में भास्कर: पातु ललाट मेडमित दुति:।
नेत्रे दिनमणि: पातु श्रवणे वासरेश्वर: ।।3।।
ध्राणं धर्मं धृणि: पातु वदनं वेद वाहन:।
जिव्हां में मानद: पातु कण्ठं में सुर वन्दित: ।।4।।
सूर्य रक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्ज पत्रके।
दधाति य: करे तस्य वशगा: सर्व सिद्धय: ।।5।।
सुस्नातो यो जपेत् सम्यग्योधिते स्वस्थ: मानस:।
सरोग मुक्तो दीर्घायु सुखं पुष्टिं च विदंति ।।6।।
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