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    Vasant Purnima 2025: वसंत पूर्णिमा पर लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्ति के लिए करें श्री सूक्त का पाठ

    Updated: Fri, 14 Mar 2025 12:03 PM (IST)

    पूर्णिमा तिथि को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है। फाल्गुन माह में आने वाली पूर्णिमा (Vasant Purnima 2025) पर लक्ष्मी जयंती भी मनाई जाती है। ऐसे में आप इस तिथि को लक्ष्मी जी की कृपा के लिए बहुत ही खास माना गया है। इस दिन आप इस दिन पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए श्री सूक्त का पाठ कर सकते हैं।

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    Vasant Purnima 2025 (Background Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। फाल्गुन माह में आने वाली पूर्णिमा को वसंत पूर्णिमा कहा जाता है। इस तिथि पर होली का पर्व भी मनाया जाता है। इस बार वसंत पूर्णिमा शुक्रवार, 14 मार्च को मनाई जा रही है। यह तिथि इसलिए भी खास है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। 

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    ।। अथ श्री-सूक्त मंत्र पाठ ।।

    ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।

    चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।

    तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

    यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।।

    अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।

    श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।

    कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।

    पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।

    चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।

    तां पद्मिनीमीं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।।

    पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म की विशेष तिथियों में से एक मानी गई है। इस दिन पर अगर आप श्री सूक्त का पाठ करते हैं, तो इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखती हैं, जिससे धन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

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    आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः ।

    तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।।

    उपैतु मां दैवसखः, कीर्तिश्च मणिना सह ।

    प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।।

    क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।

    अभतिमसमृद्धिं च, सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।

    गन्धद्वारां दुराधर्षां, नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।

    ईश्वरीं सर्वभूतानां, तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।

    मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि ।

    पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः ।।

    कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।

    श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।

    नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।।

    आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्ममालिनीम् ।

    चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।

    आर्द्रां य करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।

    सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।

    तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

    यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।

    य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।

    सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।

    ।। इति समाप्ति ।।

    पूर्णिमा तिथि पर माता लक्ष्मी के पूजन के दौरान उन्हें सफेद रंग की चीजें, जैसे सफेद मिठाई, खीर, आदि अर्पित कर सकते हैं। इसी के साथ कमल के फूल अर्पित करने से भी लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा से साधक को आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।

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