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Tulsi Vivah 2022: भगवान शालिग्राम की पूजा से इस तरह होता है भक्तों को लाभ, जानें पूजा का महत्व

Tulsi Vivah 2022 हर साल कार्तिक मास के द्वादशी तिथि के दिन तुलसी विवाह का भव्य आयोजन किया जाता है। इस दिन भगवान शालिग्राम का विवाह माता तुलसी से कराया जाता है। आइए जानते हैं शालिग्राम भगवान की पूजा करने से मिलते हैं क्या-क्या लाभ।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Fri, 04 Nov 2022 12:29 PM (IST)Updated: Sat, 05 Nov 2022 09:35 AM (IST)
Tulsi Vivah 2022: तुलसी विवाह के दिन जरूर करें भगवान शालिग्राम की पूजा। जानें क्या है इसका महत्व।

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Tulsi Vivah 2022: शास्त्रों और धर्म ग्रंथों में भगवान शालिग्राम जी को भगवान विष्णु का स्वरूप वृत्त किया गए है। जिस घर में भी भगवान शालिग्राम वास करते हैं, वहां उनकी पूजा नियमित रूप से की जाती है। बता दें कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन भगवान शालिग्राम की विशेष पूजा की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन भगवान शालिग्राम का विवाह माता तुलसी से किया जाता है। मान्यता है कि घर पर तुलसी विवाह का आयोजन करने से व्यक्ति को कन्यादान के सामान पुण्य प्राप्त होता है। बता दें कि हिन्दू धर्म ग्रन्थ एवं वेदों में शालिग्राम भगवान की पूजा का विशेष महत्व दिया गया है।

जानकारी के लिए बता दें कि भगवान शालिग्राम नेपाल के गंडकी नदी के तल में पाए जाते हैं और मान्यता है कि विशेष रूप से एकादशी और द्वादशी के दिन इनकी पूजा करने से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं। स्वयम्भू होने के कारण व्यक्ति इनके घर पर स्थापित पर सीधे पूजा आरम्भ कर सकता है। आइए जानते हैं क्या है इनकी पूजा का महत्व और नितदिन पूजा करने से क्या-क्या लाभ मिलता है।

भगवान शालिग्राम की पूजा से मिलता है यह लाभ (Tulsi Vivah 2022 Importance of Lord Shaligram Puja)

  • शास्त्रों में बताया गया है कि तुलसी पत्र के बिना भगवान शालिग्राम की पूजा नहीं की जाती है। तुलसी का इस्तेमाल करने से भगवान तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं।

  • कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन शालिग्राम भगवान का विवाह तुलसी से करने से भक्त को पाप, दुःख, रोग, दोष इत्यादि से मुक्ति प्राप्त होती है। साथ ही उसे कन्यादान के समान फल प्राप्त होता है।

  • शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि जहां भगवान शालिग्राम वास करते हैं, वह स्थान सभी तीर्थस्थलों से भी श्रेष्ठ होता है।

  • ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि जिस घर में भगवान शालिग्राम स्थापित हैं, वहां भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी स्वयं निवास करते हैं।

  • शास्त्रों में यहां तक बताया गया है कि जिस घर में भगवान शालिग्राम की नितदिन पूजा की जाती है, वहां वास्तु दोष और नकारात्मकता का खतरा समाप्त हो जाता है।

Pic Credit- Instagram/hari_giriraj

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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