Move to Jagran APP

आज है विनायक चतुर्थी, जानें-भगवान गणेश की पूजा का शुभ-मुहूर्त और पूजा-विधि

कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 06:00 AM (IST)
आज है विनायक चतुर्थी, जानें-भगवान गणेश की पूजा का शुभ-मुहूर्त और पूजा-विधि
आज है विनायक चतुर्थी, जानें-भगवान गणेश की पूजा का शुभ-मुहूर्त और पूजा-विधि

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हिंदी पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में दो चतुर्थी होती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। तदनुसार, आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की विनायक विनायक चतुर्थी है। इस दिन भगवान सिद्धि विनायक की पूजा-उपासना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सब संकट दूर हो जाते हैं। जबकि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से यश, कीर्ति और धन की प्राप्ति होती है। आइए, पूजा का शुभ मुहूर्त, तिथि और पूजा विधि जानते हैं-

loksabha election banner

संकष्टी चतुर्थी पूजा शुभ मुहूर्त

आज के दिन भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजे से दोपहर के 1 बजकर 47 मिनट तक है। इस दौरान व्रती भगवान की पूजा कर सकते हैं। इसके आलावा व्रती चौघड़िया तिथि के अनुसार भी पूजा कर सकते हैं।

संकष्टी चतुर्थी महत्व

इस दिन मंदिर में मंत्रोउच्चारण कर भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है। जबकि भक्त अपने घर में श्रद्धापूर्वक भगवान गणेश की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ है। भगवान गणेश की सबसे पहले पूजा की जाती है। यह वरदान उन्हें भगवान शिव ने दिया है। 

विनायक चतुर्थी पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ़-सफाई करें। इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान कर व्रत संकल्प लें। इसके बाद पंचोपचार कर भगवान गणेश की पूजा फल, फूल और मोदक से करें। इस समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें। 

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ 

दिनभर उपवास रखें। व्रती चाहे तो दिन में एक फल और एक बार जल ग्रहण कर सकते हैं। शाम में आरती अर्चना कर फलाहार करें। अगले दिन पूजा पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.